Gupt Navratri 2020 Dates: माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 25 जनवरी से होने जा रही है। हिंदू पंचांग अनुसार एक वर्ष में कुल 4 बार नवरात्रि आती हैं। जिनमें से दो गुप्त रूप से दो सार्वजनिक रूप से मनाई जाती है। माघ मास की नवरात्रि गुप्त नवरात्रि है जिसे माघी नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। इस बार की नवरात्रि पर ग्रहों के अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इस दिन मकर राशि में सूर्य, शनि, बुध और चंद्र एक साथ होंगे। जानिए गुप्त नवरात्रि से जुड़ी खास बातें…
गुप्त नवरात्रि का महत्व: गुप्त नवरात्रि में विशेष रूप से दस महाविद्याओं के लिए साधना की जाती है। जिनके नाम है मां काली, तारा देवी, षोडषी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, और कमला देवी। इन गुप्त साधनाओं के लिए कठिन नियमों का पालन करना होता है।
देवी सती ने किया था इन महाविद्याओं का प्रदर्शन: पौराणिक कथाओं अनुसार एक बार माता सती के पिता दक्ष ने बड़े यज्ञ का आयोजन किया। जिसमें जाने की इच्छा से सती माता ने भगवान शंकर से जिद की। प्रजापति ने यज्ञ में न सती को बुलाया था और न भगवान शंकर को। लेकिन सती जिद पर अड़ गईं। सती ने उस समय अपनी दस महाविद्याओं का प्रदर्शन किया। तब भगवान शिव ने सती से पूछा की ये कौन हैं तब सती ने बताया कि मेरे दस रूप हैं। सामने काली हैं। नीले रंग की देवी तारा हैं। पश्चिम में छिन्नमस्ता, बाएं भुवनेश्वरी, पीठ के पीछे बगलामुखी, पूर्व -दक्षिण में धूमावती, दक्षिण-पश्चिम में त्रिपुर सुंदरी, पश्चिम-उत्तर में मातंगी तथा उत्तर-पूर्व में षोड़शी हैं। मैं खुद भैरवी रूप में अभयदान देती हूं।
ये हैं नवरात्रि के नौ दिन:
25 जनवरी शनिवार – प्रतिपदा- घट स्थापना एवं मां शैलपुत्री पूजन
26 जनवरी रविवार – द्वितीया- मां ब्रह्मचारिणी पूजन
27 जनवरी सोमवार – तृतीया अहोरात्र, रवियोग
28 जनवरी मंगलवार – तृतीया- मां चंद्रघंटा पूजा, गौरी तृतीया
29 जनवरी बुधवार – मां कुष्मांडा पूजा, रवियोग
30 जनवरी गुरुवार – मां स्कंदमाता पूजा, बसंत पंचमी, सरस्वती पूजन, बुध उदय पश्चिम में
31 जनवरी शुक्रवार – मां कात्यायनी पूजा, शनि उदय, अमृत सिद्धि योग
1 फरवरी शनिवार – मां कालरात्रि पूजा, नर्मदा जयंती, रथ आरोग्य सप्तमी
2 फरवरी रविवार – मां महागौरी पूजा, दुर्गा अष्टमी, भीष्माष्टमी
3 फरवरी सोमवार – मां सिद्धिदात्री पूजा, नवरात्रि पूर्णाहुति