AstrologyGods and Goddessव्रत एवं त्योहार

वसंत पंचमी: जानिए बसंत पंचमी के दिन कैसे करें मां सरस्वती की पूजा और क्या है मुहूर्त…

433views

Vasant (Basant) Pancami 2020 Date And Time: ये त्योहार हर साल माघ शुक्ल पंचमी के दिन मनाया जाता है। इस दिन विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश में भी इस दिन को बड़े ही उल्लास के साथ मनाते हैं। इस दिन से बसंत ऋतु का धरती पर आगमन माना जाता है। जिसके स्वागत के लिए भगवान विष्णु और कामदेव की पूजा की जाती है। इस पर्व को भारत के कई इलाकों में सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। जानिए बसंत पंचमी के दिन कैसे करें मां सरस्वती की पूजा और क्या है मुहूर्त…

ALSO READ  Aaj Ka Rashifal 21 April 2023: आज इन राशियों को व्यावसायिक मामलों में मिलेगी सफलता

वसंत पंचमी मुहूर्त (Vasant Panchami Muhurat):

वसन्त पञ्चमी सरस्वती पूजा मुहूर्त – 10:45 ए एम से 12:34 पी एम
अवधि – 01 घण्टा 49 मिनट्स
वसन्त पञ्चमी मध्याह्न का क्षण – 12:34 पी एम
पञ्चमी तिथि प्रारम्भ – जनवरी 29, 2020 को 10:45 ए एम बजे
पञ्चमी तिथि समाप्त – जनवरी 30, 2020 को 01:19 पी एम बजे

क्यों खास है वसंत पंचमी? ये दिन किसी भी शुभ काम की शुरुआत करने के लिए बेहद ही शुभ माना गया है। इस दिन शुभ कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त होता है। ये दिन मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसलिए स्कूलों में भी इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है और विभिन्न तरह के प्रोग्राम आयोजित किये जाते हैं। वहीं विद्यार्थी इस दिन अपनी किताब कॉपी और पढ़ने वाली वस्तुओं की पूजा करते हैं। इसी दिन शिशुओं को पहला अक्षर लिखना सिखाया जाता है। विद्या का आरंभ करने के लिए ये दिन सबसे शुभ माना गया है।

ALSO READ  रक्षा बंधन 8 अगस्त को क्या माने या 9 अगस्त 2025 को ?

मां सरस्वती की उपासना कैसे करें? इस दिन प्रात: सरस्वती वंदना का पाठ जरूर करना चाहिए। मां सरस्वती का चित्र पढ़ने के स्थान पर लगाना सबसे उत्तम रहेगा। इस खास मौके पर लोग पीले या सफेद वस्त्र धारण करते हैं। पूजा के लिए पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाएं। सरस्वती पूजा दिन के मध्याह्न भाग में की जाती है। यानी दोपहर के समय। मां सरस्वती की प्रतिमा को पीले वस्त्र पर स्थापित करें और उनकी पूजा में रोली, मौली, हल्दी, केसर, अक्षत, पीले या सफेद फूल, पीली मिठाई, मिश्री, दही इत्यादि चीजों का प्रयोग करें। इस दिन भोग स्वरूप केसर मिश्रित खीर सर्वोत्तम मानी गई है। मां सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप हल्दी की माला से करें।