व्रत एवं त्योहार

नवरात्री में बन रहे 8 संयोग जो सभी के घरों में खुशियां बरसायेगा और माता का आशीर्वाद बनी रहेगी

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Navratri Prarambh Date: नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म के लोगों के लिए काफी महत्व रखता है। क्योंकि इन दिनों मां शक्ति की पूजा की जाती है। वैसे तो मां दुर्गा की उपासना के ये नौ दिन बेहद शुभ होते हैं। कहा जाता है कि इन दिनों मां की सच्चे मन से उपासना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। लेकिन इस बार कुछ शुभ संयोग इस नवरात्रि के दिनों को और भी ज्यादा खास बना रहे हैं। जानिए उन शुभ संयोगों के बारे में…

– 29 सितंबर से नवरात्रि पर्व आरंभ हो रहा है। नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि में भक्त अपने घर के पूजा स्थान में कलश की स्थापना करते हैं। इस बार कलश स्थापना काफी शुभ मुहूर्त में होगी। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और द्विपुष्कर नामक शुभ योग भी बन रहा है और कलश स्थापना का मुहूर्त भी लंबा रहने वाला है। घटस्थापना 29 सितंबर को सुबह 05:53 से सुबह 07:14 तक की जा सकेगी। दोपहर को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 11:25 से 12:12 तक रहेगा।

– नवरात्र पर्व 9 दिनों तक मनाया जाता है और दसवें दिन देवी विसर्जन के साथ नवरात्र का समापन होता है। लेकिन ऐसा हर बार होना संभव नहीं हो पाता क्योंकि कई बार तिथियों का क्षय हो जाने से नवरात्र के दिन कम हो जाते हैं। लेकिन इस बार नवरात्रि पूरे 9 दिनों तक मनाई जायेगी और 10 वें दिन देवी की विदाई होगी। यानी 29 सितंबर से ये पर्व आरंभ होकर 7 अक्टूबर तक रहेगा और 8 अक्टूबर को देवी विसर्जन होगा।

– इस बार कलश स्थापना के दिन शुक्र ग्रह का उदय होना अपने आप में बेहद शुभ फलदायी है। शुक्र का उदित होना भक्तों के लिए सुख-समृद्धि दायक रहेगा। भक्त इस नवरात्र के दिनों में माता की उपासना करके अपनी आर्थिक परेशानी दूर कर सकते हैं। इस दिन बुध का शुक्र के घर तुला में आना भी शुभ फलदायी है।

– इस बार नवरात्रि का आरंभ रविवार के दिन हो रहा है और इसका समापन मंगलवार को होगा। ऐसे में नवरात्रि में दो सोमवार और दो रविवार आने वाले हैं। नवरात्र में दो सोमवार का होना शुभ फलदायी माना गया है।

– इस साल नवरात्र का आरंभ हस्त नक्षत्र में होने के कारण इस नक्षत्र में ही कलश स्थापित किया जाएगा। हस्त नक्षत्र को सभी नक्षत्रों में शुभ माना गया है। इस नक्षत्र को ज्ञान, मुक्ति और मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है। जिस कारण इस नक्षत्र में घटस्थापना कर पूजा का संकल्प लेना शुभ फलदायी रहेगा।

– नवरात्र के दूसरे दिन 30 सितंबर को और चौथे दिन यानी 2 अक्टूबर को अमृत सिद्धि नामक शुभ योग बन रहा है। इस योग में मां की उपासना करना फलदायी रहेगा।

– इस बार नवरात्रि में तीन दिन रवियोग बन रहा है। तीसरी दिन यानी 1 अक्टूबर को, छठे दिन यानी 4 अक्टूबर और 7वें दिन यानी 5 अक्टूबर को यह शुभ योग बना है। 8 अक्टूबर को भी यह योग रहेगा और इसी योग में विजयादशमी का त्योहार भी मनाया जाएगा। इस योग में देवी मैया का विसर्जन भी होगा।

– इस बार नवरात्रि में 4 सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहे हैं। ऐसे में साधकों को सिद्धि प्राप्त करने के पर्याप्त अवसर मिल रहे हैं। इस दौरान किसी भी तरह के शुभ काम शुरू कर सकते हैं। 29 सितंबर, 2 , 6 और 7 अक्टूबर को भी यह शुभ योग बन रहा है।