211
Gayatri Mantra Jaap : जानें गायत्री मंत्र जप के फायदे और विधि ?
Gayatri Mantra Jaap: मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मन के दुख, द्वेष, पाप, भय, शोक आदि जैसे नकारात्मक चीजों का अंत हो जाता है। मनुष्य मानसिक तौर पर जागृत हो जाता है। आपको प्रत्येक दिन गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। आपको इसका अद्भुत लाभ देखने को मिलेगा। गायत्री मंत्र का जाप किस समय में करें,
गायत्री मंत्र जप का समय :
- गायत्री मंत्र जप के लिए 3 समय बताए गए हैं, जप के समय को संध्याकाल भी कहा जाता है।
- गायत्री मंत्र के जप का पहला समय है सुबह का। सूर्योदय से थोड़ी देर पहले मंत्र जप शुरू किया जाना चाहिए। जप सूर्योदय के बाद तक करना चाहिए।
- मंत्र जप के लिए दूसरा समय है दोपहर का। दोपहर में भी इस मंत्र का जप किया जाता है।
- इसके बाद तीसरा समय है शाम को सूर्यास्त से कुछ देर पहले। सूर्यास्त से पहले मंत्र जप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जप करना चाहिए।
- यदि संध्याकाल के अतिरिक्त गायत्री मंत्र का जप करना हो तो मौन रहकर या मानसिक रूप से करना चाहिए। मंत्र जप अधिक तेज आवाज में नहीं करना चाहिए।
गायत्री मंत्र :
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
गायत्री मंत्र का अर्थ :
सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, वह परमात्मा का तेज हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करे।
गायत्री मंत्र जप की विधि :
- इस मंत्र के जप करने के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना श्रेष्ठ होता है।
- जप से पहले स्नान आदि कर्मों से खुद को पवित्र कर लेना चाहिए।
- मंत्र जप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए।
- घर के मंदिर में या किसी पवित्र स्थान पर गायत्री माता का ध्यान करते हुए मंत्र का जप करना चाहिए।
गायत्री मंत्र जप के फायदे
- उत्साह एवं सकारात्मकता बढ़ती है।
- धर्म और सेवा कार्यों में मन लगता है।
- पूर्वाभास होने लगता है।
- आशीर्वाद देने की शक्ति बढ़ती है।
- स्वप्न सिद्धि प्राप्त होती है।
- क्रोध शांत होता है।
- त्वचा में चमक आती है।
- बुराइयों से मन दूर होता है।