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उच्च कैरियर तथा आर्थिक समृद्धि प्राप्ति के योग

उच्च कैरियर तथा आर्थिक समृद्धि प्राप्ति के योग - आज के भौतिक युग में प्रत्येक व्यक्ति की एक ही मनोकामना होती है की उसे अच्छा कैरियर प्राप्त हो तथा उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ रहें तथा जीवन में हर संभव सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती रहे। किसी जातक के पास नियमित कैरियर के प्रयास में सफलता तथा आय का साधन कितना तथा कैसा होगा इसकी पूरी जानकारी उस व्यक्ति की कुंडली से जाना जा सकता है। कुंडली में दूसरे स्थान से उच्च षिक्षा तथा धन की स्थिति के संबंध में जानकारी मिलती...
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संतानसुख प्राप्ति का समय निर्धारण –

संतानसुख प्राप्ति का समय निर्धारण - विवाह के उपरांत प्रत्येक परिवार की प्राथमिकता संतान प्राप्ति का समय जानने की होती है। यदि किसी व्यक्ति की विवाह के उपरांत संतान प्राप्ति में विलंब हो तो कई प्रकार की चिंताएॅ सताने लगती है। अतः किसी जातक की कुंडली में यदि पंचमेष पंचम भाव में या लग्नेष के निकट हो तो विवाह के बाद शीघ्र संतान प्राप्ति का योग बनता है। अगर ऐसा ना हो तो संतान प्राप्ति में विलंब होता है। लग्नेष, पंचमेष, बृहस्पति जिस ग्रह के नवांष में होता है, उसकी...
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संतान की गलत संगती और आदत

बढ़ते बच्चों की चिंता का एक कारण उनके गलत संगत में पड़कर कैरियर बर्बाद करने के साथ व्यसन या गलत आदतों का विकास होना भी है। दिखावें या शौक से शुरू हुई यह आदत व्यसन या लत की सीमा तक चला जाता है। इसका ज्योतिष कारण व्यक्ति के कुंडली से जाना जाता है। किसी व्यक्ति का तृतीयेष अगर छठवे, आठवें या द्वादष स्थान पर होने से व्यक्ति कमजोर मानसिकता का होता है, जिसके कारण उसका अकेलापन उसे दोस्ती की ओर अग्रेषित करता है। कई बार यह दोस्ती गलत संगत में...
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संतान के लक्ष्य से भटकाव – ज्योतिष कारण और निवारण

अभिभावकों की चिंता का कारण संतान के लक्ष्य से भटकाव - ज्योतिष कारण और निवारण - आज के आधुनिक युग में जहाॅ सभी प्रकार की सुख-सुविधाएॅ जुटाने का प्रयास हर जातक करता है, वहीं पर उन सुविधाओं के उपयोग से आज की युवा पीढ़ी भटकाव की दिषा में अग्रसर होती जा रही है। पैंरेंटस् जिन वस्तुओं का सुविधाएॅ अपने बच्चों को उपयेाग हेतु मुहैया कराते हैं, वहीं वस्तुएॅ बच्चों को गलत दिषा में ले जाती है। कई बार देखने में आता है कि जो बच्चे बहुत अच्छा प्रदर्षन करते रहे...
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अच्छी शिक्षा तथा कैरियर की प्राप्ति

अच्छी षिक्षा तथा कैरियर की प्राप्ति - आज कल हर पैरेंटस की दिली तमन्ना होती है कि उनकी संतान उच्च तकनीकी षिक्षा प्राप्त करें, जिससे उसके कैरियर की शुरूआत ही एक अच्छे पैकेज से हो, किंतु सभी इसमें सफलता प्राप्त तो नहीं कर सकते किंतु अपने संतान की कुंडली के ज्योतिषीय विवेचन तथा उचित समाधान कर एक अच्छे कैरियर हेतु प्रयास किया जा सकता है। अतः जाने की क्या आपकी संतान में ऐसे योग हैं। षिक्षा कारक ग्रह गुरू, जोकि तर्कषक्ति तथा गणित जैसे विषयों का कारक ग्रह होता है...
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एकादषी व्रत से संतान सुख

एकादषी व्रत से संतान सुख - फाल्गुन की शुक्लपक्ष की एकादषी को संतान सुख प्राप्ति हेतु व्रत किया जाता है। पद्यपुराण के अनुसार श्री कृष्ण ने इस व्रत का वर्णन युधिष्ठिर से किया था। चराचर प्राणियों सहित त्रिलोक में इससे बढ़कर दूसरी कोई तिथि नहीं है, जो संतान कष्ट से संबंधित दुखों को हर सके। इस दिन भगवान नारायण की पूजा की जाती है। सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करने के पष्चात् श्रीहरि का ध्यान करना चाहिए। सबसे पहले धूप-दीप आदि से भगवान नारायण की अर्चना...
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संतानहीनता योग- ज्योतिषीय कारण और निवारण

संतानहीनता योग- ज्योतिषीय कारण और निवारण - संतानहीनता के लिए महर्षि पाराषर ने अनेक कारणों का उल्लेख किया है, जिसमें प्रमुख कारण जातक का किसी ना किसी प्रकार से शाप से ग्रस्त होना भी बताया है। यदि जन्मांग में पंचमस्थान का स्वामी शत्रुराषि का हो, छठवे, आठवे या बारहवें भाव में हो या राहु से आक्रांत हो या मंगल की पूर्ण दृष्टि हो तो संतान प्राप्ति में बाधा होती है। यदि संतान बाधाकारक ग्रह सूर्य हो तो पितरों का शाप संतान में बाधा देता है। वहीं यदि चंद्रमा प्रतिबंधक ग्रह...
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तनाव और मोटापा का कारण और निवारण  

तनाव मनःस्थिति से उपजा विकार है। मनःस्थिति एवं परिस्थिति के बीच असंतुलन एवं असामंजस्य उत्पन्न होने के कारण तनाव पैदा होता है। तनाव के कारण मन पर गहरी दरार पड़ती है, जिससे कई प्रकार के मनोविकार दिखाई देते हैं, जिसके कारण मन अषांत होना, अस्वस्थता महसूस होने के साथ कई बार तनाव की इस स्थिति में लगातार भूख का अहसास होता है। चूॅकि तनाव में कार्य के प्रति अनिच्छा होने के साथ ही नींद कम होती है अतः इस स्थिति में लगातार भूख का अहसास होने से भोजन या किसी...
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तनाव और परीक्षा का डर

तनाव  और परीक्षा का डर - परीक्षा के समय ज्यादा से ज्यादा अंक लाने की होड़, साथी बच्चों से तुलना, लक्ष्य का पूर्व निर्धारित कर उसके अनुरूप प्रदर्षन तथा इसी प्रकार के कई कारण से परीक्षा के पहले बच्चों के मन में तनाव का कारण बनता है। परीक्षा में अच्छे अंक की प्राप्ति के लिए किया गया तनाव अधिकांषतः नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करता है क्योंकि तनाव के कारण स्मरणषक्ति कम होती है, जिसके कारण पूर्व में तैयार विषय भी याद नहीं रह जाता, घबराहट के कारण स्वास्थ्य पर भी विपरीत...
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जीवन के सुख साधन प्राप्ति और ज्योतिष

जीवन के सुख साधन प्राप्ति हेतु व्यक्ति हर संभव प्रयास करता है। किंतु कभी अवसर की कमी तो कभी प्रयास में चूक या कोई अन्य कारण से इच्छित सफलता प्राप्ति में बाधा उत्पन्न होने से व्यक्ति कई बार असफलता प्राप्त होती है। इस असफलता के कारण तनाव कई बार इतना ज्यादा हो जाता है कि उसे तनाव से बाहर आने के लिए व्यसन का सहारा लेना पड़ता है और यह व्यसन शौक या तनाव दूर करने से शुरू होते हुए व्यसन या लत की सीमा तक चला जाता है। इसक...
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कर्ज द्वारा उत्पन्न तनाव से मुक्ति का ज्योतिषीय समाधान

कर्ज द्वारा उत्पन्न तनाव से मुक्ति का ज्योतिषीय समाधान - प्राचीन काल से आज आधुनिक जीवनषैली की आवष्यकता को देखते हुए कर्ज लेना मजबूरी है किंतु कई बार यहीं लिया गया कर्ज तनाव तथा रोग का कारण होता है तो वहीं पर सामाजिक प्रतिष्ठा तथा विष्वसनीयता पर भी प्रष्नचिन्ह लग जाता है। इस प्रकार यदि कोई व्यक्ति प्रायः कर्ज लेकर उससे मुक्ति हेतु परेषान हो तथा कर्ज चुकने का ही नाम ना लें, कर्ज से अपनी प्रतिष्ठा, सुखषांति समाप्त होने लगे तो कर्ज मुक्ति हेतु ज्योतिषीय उपाय करने चाहिए। जिसमें...
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बच्चों की दोस्ती से कैरियर पर आती बाधा

बच्चों की दोस्ती से कैरियर पर आती बाधा का कारण और निवारण - भारतीय ज्योतिष शास्त्र में जिस प्रकार ग्रहों में आपस में मित्रता-श्षत्रुता तथा समता होती है, उसी का असर जीवन में दोस्तो या साथियों तथा उसके लाभ तथा हानि से होता है। जिस प्रकार जीवन साथी के चयन में गुण मेलापक को महत्व दिया जाता है, उसी के अनुरूप कैरियर या षिक्षा के दौरान दोस्त या सहपाठियों में गुण-दोषों का मिलान कर जीवन में कैरियर या अध्ययन के प्रयास में सफलता तथा दोस्तों के गुण-दोष से लाभ या...
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आपको नौकरी करनी चाहिए या व्यापार

कैरियर का क्षेत्र और आय के साधन संबंधी ज्योतिष विवेचन - शिक्षा पूर्ण करते ही हर व्यक्ति की प्राथमिक आवश्यकता होती है धन कमाना। किंतु कई बार व्यक्ति असमंजस में होता है कि उसे नौकरी करनी चाहिए या व्यापार। कई बार व्यक्ति नौकरी में असफल या शिक्षा में असफल होने पर व्यापार करना चाहता है। किंतु कभी भी किसी प्रकार का व्यापार करने से पूर्व अपनी जन्म कुंडली की विवेचना कर कर यह जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए कि उसे कौन सा व्यापार लाभ देगा। इसके अतिरिक्त यह भी देख...
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नौकरी में परिवर्तन तथा स्थाईत्व

नौकरी में परिवर्तन तथा स्थाईत्व - सभी व्यक्ति की दिली तमन्ना होती है कि उसे अच्छी तथा स्थाई नौकरी प्राप्त हो। किंतु कई बार योग्यता तथा प्रयास के बावजूद नौकरी मनचाही नहीं मिल पाती, जिसके कारण उत्पन्न असंतुष्टि से नौकरी बदलने की स्थिति बनती है तो कई बार बिना किसी कारण के नौकरी छूट जाती है, इस प्रकार कई कारणों से नौकरी में स्थाईत्व की कमी दिखाई देती है। नौकरी में बार-बार बदलाव तथा अस्थाईत्व का कारण जातक की कुंडली में उसके तृतीय भाव या भावेष का संबंध छः, आठ,...
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कारोबार में असफलता

कारोबार में असफलता  - व्यक्ति के जीवन में कई बार कारोबार में आकस्मिक हानि प्राप्त होती है साथ ही कई बार योग्यता तथा सामथ्र्य होने के बावजूद कारोबार में वह सफलता प्राप्त नहीं होती, जिसकी चाहत होती है। इस प्रकार का कारण ज्योतिषषास्त्र द्वारा किया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ, अष्टम, नवम भाव में से किसी भाव में राहु के होने पर जातक के जीवन में आकस्मिक हानि का योग बनता है। अगर राहु के साथ सूर्य, शनि के होने पर यह...
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आप क्यों चिंतित या तनाव में रहते हैं

आप क्यों चिंतित या तनाव में रहते हैं - आधुनिक भागदौड़ के इस जीवन में प्रायः सभी व्यक्तियों को चिंता सताती रहती है। हर आयुवर्ग तथा हर प्रकार के क्षेत्र से संबंधित अपनी-अपनी चिंता होती हैं। चिंता को भले ही हम आज रोग ना माने किंतु इसके कारण कई प्रकार के लक्षण ऐसे दिखाई देते हैं जोकि सामान्य रोग को प्रदर्षित करते हैं। अगर यह चिंता कारण विषेष या समय विषेष पर हो तो चिंता की बात नहीं होती किंतु कई बार व्यक्ति चिंता करने का आदि होता है, जिसके...
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क्या आपको शेयर या स्टाॅक से धन लाभ या हानि होगा-

वर्तमान युग में जल्दी अमीर बनने तथा समृद्धि पाने की चाह कई व्यक्ति को होती है, इसके लिए कई बार व्यक्ति लाटरी, शेयर या स्टाॅक से संबंधित क्षेत्र में धन लाभ हेतु प्रयास करता है किंतु कई बार दूसरों की देखादेखी यह प्रयास उसके लिए हानिकारक साबित होता है। जहाॅ किसी व्यक्ति को शेयर से लाभ होता है वहीं किसी व्यक्ति को बहुत ज्यादा हानि भी उठानी पड़ती है। इसका कारण जातक की कुंडली से जाना जा सकता है। अतः कोई व्यक्ति अपनी कुंडली की ग्रह स्थितियों के अनुरूप आचरण...
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कैसा होगा आपका जीवन साथी

विवाह योग्य प्रत्येक कन्या के मन में एक बार यह प्रष्न अवष्य जाग्रत होता है कि उसका भावी वर कैसा होगा, क्या करता होगा, कहाॅ से होगा तथा किस स्थिति का होगा तथा उसके साथ व्यवहार कैसा होगा। यह सारी बातें उस कन्या की कुंडली के सप्तम भाव, सप्तमेष तथा सप्तमस्त ग्रह तथा नवांष के अध्ययन से मूलभूत जानकारी प्राप्त की जा सकती है। सप्तमभाव या सप्तमेष का किसी से भी प्रकार से मंगल, शनि या केतु से संबंध होने पर विवाह में बाधा, वैवाहिक सुख में कमी का कारण...
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नक्षत्र से जाने आप का दिन शुभ होगा या अषुभ

नक्षत्र से जाने आप का दिन शुभ होगा या अषुभ - नक्षत्र संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ है न क्षरति न सरति इति नक्षत्रः अर्थात् न हिलने वाला न चलने वाला, जो स्थिर हों, ग्रहों एवं नक्षत्रों में यहीं प्रमुख भेद है कि ग्रह तो भ्रमणषील हैं किंतु नक्षत्र स्थिर। भारतीय ज्योतिष में राषि-पथ एक स्थिर नक्षत्र से प्रारंभ होता है इसलिए नक्षत्रवृत कहलाता है। राषिपथ एक अंडाकार वृत जैसा है जोकि 360 डिग्री का है। इन 360 अंषों को 12 समान भागों में बांटा गया है और प्रत्येक...
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आपके सपने और ज्योतिष

सपनों की दुनिया भी बड़ी अजीब होती है। हर इंसान अपनी जिंदगी में सपने जरूर देखता है। स्वप्न जरूरी नहीं कि अच्छे या बुरे ही हों ये कभी सुहावने तो कभी डरावनें कभी सुंदर तो कभी परेषान करने वाले कुछ भी हो सकते हैं कभी सच्चाई के करीब तो कभी बेहद काल्पनिक। किंतु सपनों का संसार विचित्र होने के साथ ही हमारे आंतरिक तथा बाह्य जीवन को प्रभावित करने वाले हो सकते हैं। स्वप्न को हर शास्त्र में अपने तरीके से परिभाषित किया गया है जिसमें जीव विज्ञान तो सपनों...
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पुरूषार्थ का महत्व

पुरूषार्थ का महत्व भाग्य से अधिक है साथ ही अधिकांष लोगो की मान्यता होती है कि भाग्य नाम की कोई चीज नहीं होती जितना कर्म किया जाता है उसी के अनुरूप फल मिलता है किंतु जीवन की कई अवस्थाओं पर नजर डाले तो भाग्य की धारणा से इंकार नहीं किया जा सकता। भारतीय शास्त्र में कर्म को तीन श्रेणियों में बांटा गया है जोकि क्रमषः संचित कर्म, क्रियामाण कर्म और प्रारब्ध है। जो वर्तमान में कर्म किया जाता है वहीं क्रियामाण कर्म कहा जाता है जिसका कोई फल अभी हमें...
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परीक्षा में सफलता हेतु उपाय:ज्योतिष विश्लेषण

क्या करें परीक्षा में सफलता हेतु उपाय- हर माता-पिता की एक ही कामना होती है कि उसके बच्चे उच्च षिक्षा ग्रहण करें, हर परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करें। इसके लिए वे हर प्रकार से प्रयास करते हैं साथ ही हर वह उपाय करते हैं, जिससे उनकी मनोकामना पूरी हो किंतु हर संभव प्रयास करने के उपरांत भी कई बार असफलता आती है, जिसके कई कारण हो सकते हैं, प्रयास में कमी, परिस्थितियों का विपरीत होना या कोई मामूली सी गलती भी असफलता का कारण हो सकती है। किंतु ज्योतिष...
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न्यायालयीन प्रकरण में जय-पराजय के ज्योतिष योग

न्यायालयीन प्रकरण में जय-पराजय के ज्योतिष योग - महत्वाकांक्षा ही व्यक्ति से नैतिक-अनैतिक, वैधानिक-अवैधानिक, सामाजिक-असाजिक कार्य कराती है साथ ही किसी विषय पर विवाद, कोई गुनाह, संपत्ति से संबंधित झगड़े इत्यादि का होना आपकी कुंडली में स्पष्ट परिलक्षित होता है। अगर इस प्रकार के कोई प्रकरण न्यायालय तक पहुॅच जाए तो उसमें जय प्राप्त होगी या पराजय का मुॅह देखना पड़ सकता है इसका पूर्ण आकलन ज्योतिष द्वारा किया जाना संभव है। सामान्यतः कोर्ट-कचहरी, शत्रु प्रतिद्वंदी आदि का विचार छठे भाव से किया जाता है। सजा का विचार अष्टम व...
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कुंडली में सप्तम भाव का महत्व

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार भाग्य बलवान होने से जीवन में मुश्किलें कम आती हैं, व्यक्ति को अपने कर्मों का फल जल्दी प्राप्त होता है. भाग्य का साथ मिले तो व्यक्ति को जीवन का हर सुख प्राप्त होता. यही कारण है कि लागों में सबसे ज्यादा इसी बात को लेकर उत्सुकता रहती है कि उसका भाग्य कैसा होगा. कुण्डली के भाग्य भाव में सातवें घर का स्वामी बैठा होने पर व्यक्ति का भाग्य कितना साथ देता है यहां इसकी चर्चा की जा रही है. मेष लग्न में सप्तम भाव का स्वामी (The...
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ज्योतिष का स्त्री के प्रति दृष्टिकोण

ग्रहों और राशियों को भी स्त्री और पुरूष वर्गों में बांटा गया है। मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु और कुंभ को पुरूष राशि और वृष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर और मीन राशियों को स्त्री राशि कहा गया है। इसी प्रकार चंद्रमा और शुक्र जहां स्त्री स्वभाव ग्रह है वहीं सूर्य, मंगल और गुरू पुरूष ग्रह हैं। स्त्री जातकों में स्त्री राशि और स्त्री ग्रहों का प्रभाव अधिक होने पर स्त्रैण गुण अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में होंगे। ऐसा देखा गया कि जिन मामलों में पुरूष जातकों की तुलना में स्त्री जातकों...
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किस्मत खोलनी है तो बदल दें घर का मुख्य द्वार

किस्मत खोलनी है तो बदल दें घर का मुख्य द्वार घर के मुख्य द्वार में एक छोटा सा भी बदलाव आपकी दुनिया बदल सकता है। शास्त्र के अनुसार मुख्य द्वार का संबंध घर में रहने वाले लोगों की सामाजिक, मानसिक और आर्थिक स्थिति से होता है। घर का मुख्य द्वार वास्तु दोषों से मुक्त हो तो घर में सुख-समृद्धि, रिद्धी.सिद्धि रहती है। सभी प्रकार के मंगल कायों में वृद्धि होती है और परिवार के लोगों में आपसी समंजस्य बना रहता है। इसलिए घर का मुख्य द्वार वास्तु दोष से मुक्त...
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अंकशास्त्र में सूर्य का महत्व

अंकशास्त्र में सूर्य ज्योतिष विद्याओं में अंक विद्या भी एक महत्वपूर्ण विद्या है.जिसके द्वारा हम थोडे समय में ही प्रश्न कर्ता के उत्तर दे सकते है.अंक विद्या में "१" का अंक सूर्य को प्राप्त हुआ है.जिस तारीख को आपका जन्म हुआ है,उन तारीखों में अगर आपकी जन्म तारीख १,१०,१९,२८, है तो आपका मूलांक सूर्य का नम्बर "१" ही माना जायेगा.इसके अलावा जो आपका पूर्णांक नम्बर होगा वह जन्म तारीख,महिना,और पूरा सन जोडने के बाद जो प्राप्त होगा,साथ ही कुल मिलाकर अकेले नम्बर को जब सामने लायेंगे,और वह नम्बर एक आता...
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निरंतर उन्नति हेतु कुंडली में केतु को करें शांत

निरंतर चलायमान रहने अर्थात् किसी जातक को अपने जीवन में निरंतर उन्नति करने हेतु प्रेरित करने तथा बदलाव हेतु तैयार तथा प्रयासरत रहने हेतु जो ग्रह सबसे ज्यादा प्रभाव डालता है, उसमें एक महत्वपूर्ण ग्रह है केतु। ज्योतिष शास्त्र में राहु की ही भांति केतु भी एक छायाग्रह है तथा यह अग्नितत्व का प्रतिनिधित्व करता है। इसका स्वभाग मंगल ग्रह की तरह प्रबल और क्रूर माना जाता है। केतु ग्रह विषेषकर आध्यात्म, पराषक्ति, अनुसंधान, मानवीय इतिहास तथा इससे जुड़े सामाजिक संस्थाएॅ, अनाथाश्रम, धार्मिक शास्त्र आदि से संबंधित क्षेत्र का प्रतिनिधित्व...
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The yog of becoming doctor????

which subject should we opt after 10th and 12th? This question arises in the mind of every student. Sometimes parents have to keep aside their ambitions and they have to look onto the child horoscope, that in which area should their child can increase their growth and will be more successful l all these thing we will get to know from the position of planets in horoscope. Through Jyotish we can know that which area is better . Everyone wants that the work or studies they do should be of...
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