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बच्चों में लक्ष्य से भटकाव - ज्योतिष कारण और निवारण   बच्चों में लक्ष्य से भटकाव - ज्योतिष कारण और निवारण - आज के आधुनिक युग में जहाॅ सभी प्रकार की सुख-सुविधाएॅ जुटाने का प्रयास हर जातक करता है, वहीं पर उन सुविधाओं के उपयोग से आज की युवा पीढ़ी भटकाव की दिषा में अग्रसर होती जा रही है। पैंरेंटस् जिन वस्तुओं का सुविधाएॅ अपने बच्चों को उपयेाग हेतु मुहैया कराते हैं, वहीं वस्तुएॅ बच्चों को गलत दिषा में ले जाती है। कई बार देखने में आता है कि जो...
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मर्यादा रेखा का अतिक्रमण-जीवन में तबाही की वजह - मर्यादा रेखा का अतिक्रमण-जीवन में तबाही की वजह - जीवन को समृद्धशाली एवं सुखहाल बनाने के लिए व्यक्ति को सुशील, सदाचारी एवं संस्कावान होना आवश्यक है, यही वह कारण हैं जिनके द्वारा आत्मविश्वास एवं बौद्धिक क्षमता का विकास होता है। जब भी किसी कर्म की शुरूआत दृढ़ निष्चय और सकारात्मक उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए होती है तो सबसे पहले वह समय सीमा का निर्धारण कर अपने समय का अधिक से अधिक लाभ उठाता है। व्यक्तिगत एवं सामाजिक व्यवहार में...
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रत्न धारण से पायें पीड़ा से मुक्ति- रत्न धारण से पायें पीड़ा से मुक्ति- रत्न विषय एक वैज्ञानिक विषय है जो तथ्यों पर आधारित है। रत्न धारण का संबंध ग्रह, राशि तथा अन्य तथ्यों से होता है। प्राचीन काल से रोगों के उपचार हेतु रत्नों का प्रयोग विभिन्न रूपों में किया जाता रहा है। रत्नों में चुम्बकीय शक्ति होती है जिससे वह ग्रहों की रश्मियों एवं उर्जा को अवशोषित कर लेती है जिस ग्रह विशेष का रत्न धारण करते हैं उस ग्रह की पीड़ा से बचाव होता है और सकारात्मक...
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क्या आप रात भर करवट बदलते रहते हैं क्या आप रात भर करवट बदलते रहते हैं- अनिद्रा आधुनिक बीमारी है। व्यस्तता और तनाव के कारण अनिद्रा आती है, कई बार नींद की गोली खानी पड़ती है। शरीर का संचालन मस्तिष्क करता है। हमारे विचार, भाव, कर्म आदि को स्नायु संस्थान संचालित करते है। मस्तिष्क, फेफड़ा एवं पेट ठीक हो तो यह बीमारी नही होती। कुण्डली में निम्न ग्रहों के संयोग से यह रोग उत्पन्न होता है - 1. सूर्य, मंगल लग्न में हो तथा पापी ग्रहों से दृष्ट हो। 2....
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सहज सेवा धर्म- सहज सेवा धर्म- सहज सेवा से ईष्वर को प्रसन्न किया जा सकता है और कुंडली के ग्रह दोषों को दूर किया जाना संभव है, जैसे कि शबरी के झूठे बेर खाकर राम प्रसन्न हो गए थे। सहज सेवा धर्म आपके नित्यचर्या में सहजता के साथ करने से ग्रहीय दोषों का समाधान दे सकता है। वह सहज समाधान समोसे के साथ हरी चटनी या दोसा या आईसक्रीम भी आपके ग्रह से संबंधित दोषों की निवृत्ति करने में कारगर उपाय बन सकती है। यदि किसी की कुंडली में बुध...
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बाल मृत्यु का ज्योतिषीय विवेचन-   बाल मृत्यु का ज्योतिषीय विवेचन- केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो बाल मृत्यु दर के मामले में भारत की स्थिति बेहद चिंताजनक है। देश में हर वर्ष 13 लाख 59 हजार बच्चे पांच वर्ष की उम्र पूरा करने से पहले ही मौत का शिकार बन जाते हैं। एक आंकड़े के मुताबिक पांच साल की उम्र के बच्चों में 43 फीसदी अंडरवेट होते हैं। यानी कहा जा सकता है कि दुनिया के सर्वाधिक कुपोषित बच्चे भारत में रहते हैं। बानगी...
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प्रेम विवाह आपकी कुंडली में- प्रेम विवाह आपकी कुंडली में- सृष्टि के आरंभ से ही नर और नारी में परस्पर आकर्षण विद्यमान रहा है, जिसे प्राचीन काल में गंर्धव विवाह के रूप में मान्यता प्राप्त थी। आज के आधुनिक काल में इसे ही प्रेम विवाह का रूप माना जा सकता है। सामाजिकता का हवाला दिया जाकर विरोध के बावजूद आज भी यह परंपरा अपारंपरिक तौर पर मौजूद है। अतः इसका ज्योतिषीय कारण देखा जाना उचित प्रतीत होता है। जन्मांग में प्रेम विवाह संबंधी संभावनाओं का विष्लेषण करते समय सर्वप्रथम पंचमभाव...
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पितृ-दोष के ज्योतिषीय उपाय - पितृ-दोष के ज्योतिषीय उपाय - भारतीय सामाजिक परंपरा में जीव को अमर माना गया है तथा मान्यता है कि जीवन में किए गए कर्मो के शुभ-अषुभ, नैतिक-अनैतिक तथा पाप-पुण्य के आधार पर संचित प्रारब्ध के अनुसार जीवन में सुख-दुख का सामना करना पड़ता है। हिंदु रिवाज है कि पूर्वजो के किसी प्रकार के अषुभ या नीति विरूद्ध आचरण का दुष्परिणाम उनके वंषजो को भोगना पड़ता हैं। पितृदोष का प्रत्यक्ष कुंडली में जानकारी प्राप्त करने हेतु जातक के जन्म कुंडली के द्वितीय, तृतीय, अष्टम या भाग्य...
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ज्योतिष से आय और आर्थिक परेषानी का कारण और निवारण ज्योतिष से आय और आर्थिक परेषानी का कारण और निवारण- आज के भौतिक युग में प्रत्येक व्यक्ति की एक ही मनोकामना होती है की उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ रहें तथा जीवन में हर संभव सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती रहे। किसी व्यक्ति के पास कितनी धन संपत्ति होगी तथा उसकी आर्थिक स्थिति तथा आय का योग तथा नियमित साधन कितना तथा कैसा होगा इसकी पूरी जानकारी उस व्यक्ति की कुंडली से जाना जा सकता है। व्यक्ति की कुंडली में क्रमशः दूसरे...
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विनाष काले विपरीत बुद्धि: विनाष काले विपरीत बुद्धि: काल या समय डंडा मारकर किसी का सिर नहीं तोड़ता। उसका बल इतना ही है कि वह बुद्धि को विपरित करके भले को बुरा व बुरे को भला दिखलाने लगता है। विनाशकाल समीप आ जाने पर बुद्धि खराब हो जाती है, अन्याय भी न्याय के समान दिखने लगती है। मनुष्य का जीवन उसके निर्णयों पर आधारित है। हर व्यक्ति को दो या अधिक रास्तों में से किसी एक को चुनना पड़ता है और बाद में उसका वही चुनाव उसके आगे के जीवन...
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भाषा शैली और ज्योतिष - भाषा शैली और ज्योतिष - जीवन में किसी व्यक्ति की पहचान उसकी आवाज होती है। कोई व्यक्ति किस प्रकार के जबान से पहचाना जायेगा और उसका लोग आदर करेंगे, उसे बात करना पसंद करेंगे या उससे बचते हुए रहना चाहेंगे यह सब कुछ ज्योतिषीय ग्रहों की गणना का विषय है। उसके सभी रिश्ते और अपनापन उसके जुबान के द्वारा बनती और बिगड़ती हैं वहीं यदि हम ज्योतिषीय नजरिये से देखें तो किसी की कुंडली में उसका यही काम उसका तीसरा स्थान या तीसरे स्थान का...
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मनुष्य का चरित्र निर्माण और ज्योतिष: मनुष्य का चरित्र निर्माण और ज्योतिष: मनुष्य स्वयं अपना स्वामी है। अपना चरित्र वह स्वयं बनाता है। चरित्र-निर्माण के लिए उसे परिस्थितियों को अनुकूल या सबल बनाने की नहीं बल्कि आत्मनिर्णय की शक्ति को प्रयोग में लाने की आवश्यकता है। हर व्यक्ति का कुछ निश्चित क्षेत्र होता है जहाॅ उसे आत्म-गौरव का स्थायी भाव आता है; उस क्षेत्र से सम्बन्धित वस्तुएँ उसके ‘स्व’ के क्षेत्र में आती है और यहीं पर यदि यह ‘स्व’ अनुकूल हो तो चरित्र उत्तम और प्रतिकूल दिषा में संचालित...
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पेड़-पौधों से पायें अषुभ ग्रहों के दुष्प्रभावों से राहत - पेड़-पौधों से पायें अषुभ ग्रहों के दुष्प्रभावों से राहत - जीवन के विभिन्न भागों पर ग्रहों का प्रभाव पड़ता है, यह प्रभाव सकारात्मक भी होता है और नकारात्मक भी... नकारात्मक प्रभाव को रोकने या कम करने के लिए विभिन्न प्रकार के तरीके अपनाए जाते हैं....इन्ही में से एक आसान तरीका है पेड़-पौधों का रोपण और पूजन.... भगवान विष्णु और हनुमान जी को तुलसी अर्पित करने से आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं। अगर शुक्र कमजोर है, तो तुलसी का पौधा लगाकर...
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कुण्डली में बनने वाले योग ही बनाते है प्रशासनिक अधिकारियों - कुण्डली में बनने वाले योग ही बनाते है प्रशासनिक अधिकारियों - कुण्डली में बनने वाले योग से ही व्यक्ति की आजीविका का क्षेत्र क्या रहेगा, इसकी जानकारी प्राप्त होती है.... प्रशासनिक सेवाओं में प्रवेश की लालसा अधिकांश लोगों में रहती है, बनते बिरले ही हैं.... आई. ए. एस. जैसे उच्च पद की प्राप्ति के लिये व्यक्ति की कुण्डली में सर्वप्रथम शिक्षा का स्तर सर्वोत्तम होना चाहिए.... कुंडली के दूसरे, चतुर्थ, पंचम एवं नवम भाव व भावेशों के बली होने...
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मकान सुख की प्राप्ति का ज्योतिषीय विवेचन - मकान सुख की प्राप्ति का ज्योतिषीय विवेचन - व्यक्ति के जीवन पुरुषार्थ, पराक्रम एवं अस्तित्व की पहचान उसका निजी मकान है... महंगाई और आबादी के अनुरूप हर व्यक्ति को मकान मिले यह संभव नहीं है...घर का सुख देखने के लिए मुख्यतः चतुर्थ स्थान को देखा जाता है... फिर गुरु, शुक्र और चंद्र के बलाबल का विचार प्रमुखता से किया जाता है। जब-जब मूल राशि स्वामी या चंद्रमा से गुरु, शुक्र या चतुर्थ स्थान के स्वामी का शुभ योग होता है, तब घर...
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शीघ्र उन्नतिकारक पूजा - शालिग्राम की पूजा शीघ्र उन्नतिकारक पूजा - शालिग्राम की पूजा सात्विक आचार, विचार और आहार वाले लोगों के लिए शालिग्राम की पूजा, अर्चना अधिक सिद्धिदायक होती है... भगवान विष्णु की भक्ति करने वाले लोगों के लिए शालिग्राम शीघ्र उन्नतिकारक एवं शुभफलदायक होता है... शालिग्राम की पूजा में तुलसी पत्रों की विशेष भूमिका होती है... जैसे शिवलिंग पर जलाभिषेक के साथ मात्र बिल्वपत्र चढ़ाने से शिव प्रसन्न होते हैं उसी भांति यदि कोई व्यक्ति नित्य जलाभिषेक करके शालिग्राम पर मात्र तुलसी पत्र अर्पण करता है तो इसी...
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केजरीवाल अभी कायम हैं केजरीवाल अभी कायम हैं गत कुछ वर्षों में भारतीय राजनीति में किसी बड़ी क्रांति की तरफ देखते हैं तो वह क्रांति है आरटीआई का कानून। इसे पारित करवाने वाले थे अरविंद केजरीवाल। जो केजरीवाल आप पार्टी के सर्वेसर्वा माने जाते थे उनका अपनी पार्टी में ही विरोध होने लगा। एक बार तो विरोधियों को लगा होगा कि केजरीवाल खत्म। परंतु ज्योतिष ऐसा नहीं कहता। अरविंद केजरीवाल की राशि और लग्न दोनों वृषभ है। वर्तमान में गुरू की महादशा में शुक्र का अंतर १ मार्च को समाप्त...
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कैसे करें अपनी योग्यता का पूर्ण उपयोग - कैसे करें अपनी योग्यता का पूर्ण उपयोग - श्री गणेश का नाम लिया तो बाधा आस-पास फटक नहीं सकती, ऐसा देवों का वरदान है। कहा जाता है कि ऊॅ का वास्तिविक रूप ही गणेश जी का रूप है... जब किसी बालक का व्यवहार लापरवाह भरा हो तो उसके तीसरे एवं छइवें स्थान का विवचन करना चाहिए, क्योंकि इन स्थानों के स्वामी बुध ग्रह हैं यदि ये स्थान दुषित हों तो उसे गणपति की पूजा करनी चाहिए क्योंकि हिंदू धर्म के अंदर अक्षरों...
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कर्म का भोग ही है जन्म - कर्म का भोग ही है जन्म - ‘‘कथम उत्पद्यते मातुः जठरे नरकागता गर्भाधि दुखं यथा भुंक्ते तन्मे कथय केषव’’ गरूड पुराण में उक्त पंक्तियाॅ लिखी हैं, जिससे साबित होता है कि गर्भस्थ षिषु के ऊपर भी ग्रहों का प्रभाव शुरू हो जाता है... गर्भ के पूर्व कर्मो के प्रभाव से माता-पिता तथा बंधुजन तथा परिवार तय होते हैं... इसी लिए कहा जाता है कि शुचिनाम श्रीमतां गेहे योग भ्रष्ट प्रजायते अर्थात् जो परम् भाग्यषाली हैं वे श्रीमंतो के घर में जन्म लेते हैं......
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पुष्य नक्षत्र का माघ पूर्णिमा देगा सभी सूर्य-चंद्रमा के कष्टों से निवृत्ति- पुष्य नक्षत्र का माघ पूर्णिमा देगा सभी सूर्य-चंद्रमा के कष्टों से निवृत्ति- माघ मास की पूर्णिमा को गंगा स्नान करने से मनुष्य का तन-मन पवित्र हो जाता है.. माघी पूर्णिमा में किसी नदी, सरोवर, कुण्ड अथवा जलाशय में सूर्य के उदित होने से पहले स्नान करने मात्र से ही पाप धुल जाते हैं और हृदय शुद्ध होता है... शास्त्रों में भी कहा गया है कि व्रत, दान और तप से भगवान विष्णु को उतनी प्रसन्नता नहीं होती, जितनी...
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कैसे पायें जगत में ख्याति - कैसे पायें जगत में ख्याति - किसी व्यक्ति के अस्तित्व का महत्वपूर्ण पहलू उसका क्रियाकलाप होता है.. कोई धन, सुख का अभिलाषी होता है तो कोई दुनिया में अपना नाम रोषन करना चाहता है... दुनिया में विख्यात होने के लिए मेहनत के साथ कुछ ज्योतिषीय योग होने जरूरी होते हैं, जिनके आधार पर कई बार व्यक्ति अर्ष से फर्ष तक पहुॅच जाता है तो कई बार बिना कुछ बुरा किए सब गवा भी देता है... दसम भाव कर्म स्थान होता है। जिसका मुख्य रुप...
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आस्था और अन्धविश्वास का ज्योतिषीय नजरिया.... आस्था और अन्धविश्वास का ज्योतिषीय नजरिया.... भगवान की कृपा के कारण ही सब अपनी जगह पर अडिग है। अब आप इसे शिव की कृपा मानें या जो भी हो इन सभी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। किन्तु हमारे देश में आस्था जीवन का आधार है...इस के द्वारा न केवल गाँव के अनपढ बल्कि उच्च शिक्षित लोग जो अपने आप को नास्तिक बताते हैं वे भी आस्था और अन्धविश्वास में विष्वास करते दीखते है....ये देखने में तो बहुत ही सामान्य बात लगती है...
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प्रदूषण से प्रभावित स्वास्थ्यः ज्योतिषीय कारक- प्रदूषण से प्रभावित स्वास्थ्यः ज्योतिषीय कारक- सभी प्रमुख न्यूज पेपर की यह हेडलाईन थी... ‘‘दिल्ली में तीन दिनों तक रहने के कारण राष्ट्रपति बराक ओबामा के जिंदगी के छह घंटे कम हो गए’’.. दिल्ली में वायु प्रदूषण का उल्लेख करते हुए अमेरिकी मीडिया की एक रिपोर्ट आई है... इसमें कहा गया है कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा है और इसका असर ओबामा की सेहत पर पड़ सकता...यह भी सच है कि प्रदूषण से उतनी ही हानि होती है... जितनी की एक...
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बराक ओबामा का गणतंत्र दिवस पर आगमन के महत्व पर ज्योतिषीय नजर... बराक ओबामा का गणतंत्र दिवस पर आगमन के महत्व पर ज्योतिषीय नजर... गणतंत्र दिवस के अवसर पर बराक ओबामा का आगमन इस देष की फिजा को कितना बदलेगा...इसकी ज्योतिषीय गणना क्या कहती है....गणतंत्र दिवस न सिर्फ हिन्दुस्तान की शांति, विनम्रता द्वारा शक्ति का अभिनंदन है... बल्कि यह उसकी मजबूत सामरिक सैन्य शक्ति का उद्घोष भी है... जो हर भारतीय के सीने को गर्व से भरता है... बदलते राजनयिक वक्त में देखें तो आज की कुंडली के अनुसार जब...
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भाग्य या कर्म कौन बलि????? भाग्य या कर्म कौन बलि????? भारतीय मान्यता है कि इंसान के 12 वर्ष अर्थात् कालपुरूष के भाग्य के एक चक्र के पूरा होने के उपरांत क्रियामाण का दौर शुरू हो जाता है जोकि जीवन के अंत तक चलता है। अब व्यक्ति की षिक्षा उसकी रूचि सामाजिक स्थिति पारिवारिक तथा निजी परिस्थिति पसंद नापसंद, प्रयास तथा उसमें सकाकरात्मक या नाकारात्मक सोच से व्यक्ति का क्रियामाण उसके जीवन को प्रतिकूल या अनुकूल स्थिति हेतु प्रभावित करता है अतः पुरूषार्थ या क्रियामाण कर्म ही संचित होकर प्रारब्ध बनता...
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क्यों महत्वपूर्ण है ग्रह दषाओं का विष्लेषण - क्यों महत्वपूर्ण है ग्रह दषाओं का विष्लेषण - किसी भी जातक के जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अलावा उसके ग्रह दषाओं के अनुरूप उसका व्यवहार तथा कर्म निर्धारित होता है... जिसके कारण कुंडली के विष्लेषण के समय उस जातक के ग्रह दषाओं का असर उसके जीवन मे महत्वपूर्ण होता है... चूॅकि इंसान के जीवन में ग्रहो का प्रभाव विषेष प्रभाव शाली होता है अतः उसके प्रष्न के समय चलित दषाओं के अनुरूप लाभ या हानि दृष्टि गोचर होती है... ऐसी...
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अपनी असफलता के करण तनाव : ज्योतिष उपाय   वर्तमान युग की आरामदायी जीवनषैली तथा भौतिकतावादी वस्तुओं की भरमार के बीच उच्च प्रतिस्पर्धी और असुरक्षित जीवन को सुरक्षा तथा सुविधा संपन्न बनाने के प्रयास में अपने कैरियर को उच्च दिषा तथा दषा देने के फेर में कई बार बहुत बुद्धिमान तथा योग्य व्यक्ति भी स्वयं असंतुष्ट होकर तनाव में आ जाते हैं तथा कई बार यह तनाव अवसाद की स्थिति भी निर्मित होती है। तनाव या अवसाद की विभिन्न स्थिति को कुंडली के माध्यम से बहुत अच्छी प्रकार विष्लेषित किया...
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कहीं आपका पढाई में मन लगना कम होगया है : ज्योतिष उपाय स्कूल षिक्षा तक बहुत अच्छा प्रदर्षन करने वाला अचानक अपने एजुकेषन में गिरावट ले आता है तथा इससे कैरियर में तो प्रभाव पड़ता ही है साथ ही मनोबल भी प्रभावित होता हैं अतः यदि आपके भी उच्च षिक्षा या कैरियर बनाने की उम्र में पढ़ाई प्रभावित हो रही हो या षिक्षा में गिरावट दिखाई दे रही हो तो सर्वप्रथम व्यवहार तथा अपने दैनिक रूटिन पर नजर डालें। इसमें क्या अंतर आया है, उसका निरीक्षण करने के साथ ही...
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खुद की इच्छा की कैरिअर चुनने का ज्योतिष योग आज के भौतिक युग में प्रत्येक व्यक्ति की एक ही मनोकामना होती है की उसे अच्छा कैरियर प्राप्त हो तथा उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ रहें तथा जीवन में हर संभव सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती रहे। किसी जातक के पास नियमित कैरियर के प्रयास में सफलता तथा आय का साधन कितना तथा कैसा होगा इसकी पूरी जानकारी उस व्यक्ति की कुंडली से जाना जा सकता है। कुंडली में दूसरे स्थान से उच्च षिक्षा तथा धन की स्थिति के संबंध में जानकारी मिलती...
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अंक ज्योतिष (Numerology) भविष्य जानने की एक विधा है. ........... अंक ज्योतिष (Numerology) भविष्य जानने की एक विधा है. ........... अंकशास्त्र में मुख्य रूप से नामांक (Name Number), मूलांक (Root Number) और भाग्यांक (Destiny Number) इन तीन विशेष अंकों को आधार मानकर फलादेश किया जाता है. विवाह के संदर्भ में भी इन्हीं तीन प्रकार के अंकों के बीच सम्बन्ध को देखा जाता है. अंक ज्योतिष (Numerology) भविष्य जानने की एक विधा है. अंक ज्योतिष से ज्योतिष की अन्य विधाओं की तरह भविष्य और सभी प्रकार के ज्योंतिषीय प्रश्नों का उत्तर...
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