भगवान महाकाल की वीर मालकौंस स्तवः
प्रस्तुत है आपकी पूर्ण, परिष्कृत और ओजस्वी रचना — "वीरमालकौंसस्तवः" शुद्ध वीर रस, राग मालकौंस, शार्दूलविक्रीडित छन्द (१९ मात्राएँ), तथा रूपक ताल (७ मात्राएँ) में। हर श्लोक एक बंदिश की तरह स्वरबद्ध किया जा सकता है। यह स्तोत्र भगवान अघोर शिव महाकाल अमलेश्वर को समर्पित है। वीरमालकौंसस्तवः (Raaga: Mālkauns ·...