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निरंतर बदलते रहने का नाम ही जीवन है, जॉब चेंज करने का प्रयास, कब करें

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निरंतर बदलते रहने का नाम ही जीवन है। प्रकृति के साथ प्रत्येक सजीव वास्तु में समय के साथ बदलाव होता रहता है। मानव का स्वयं का जीवन बदलाव की कई पगडंडियों से होता हुआ, सफलता के शिखर तक पहुँचता है। किसी ने सच ही कहा है की यदि बहता पानी ठहर जाए तो वह सड़कर कीचड़ बन जाता है। आज के आधुनिक समय में आगे से आगे निकलने की होड़ में काम करने वाला प्रत्येक व्यक्ति नौकरी में बदलाव और पहले से बेहतर विकल्प की तलाश में रहता है, इसे समय की मांग कहें या आधुनिक परिस्थितियां नौकरी पेशा व्यक्ति के दिमाग में जॉब चेंज के विचार अक्सर आते रहते है।

हाँ यह सही है की इन विचारों के कारण सभी के लिए भिन्न भिन्न हो सकते है, कोई व्यक्ति बेहतर सैलरी की तलाश में, कोई बेहतर माहौल की तलाश में, कोई बेहतर पद की तलाश में, कोई बेहतर प्रोफाईल की तलाश और कोई बेहतर उच्चाधिकारियों की तलाश में नौकरी में बदलाव का मार्ग चुनता है। नौकरी में स्थानांतरण के रास्ते सबके अलग अलग हो सकते है परन्तु मंजिल सबकी एक ही होती है, सभी अपनी मानसिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति में बदलाव कर बेहतर जीवन की चाह रखते है। नयी नौकरी ज्वाइन करने वाला हर व्यक्ति प्रारम्भ में प्रसन्न और संतुष्ट होता है, समय बीतने के साथ ही मानसिक स्थिति फिर से बदलाव का सोचने लगती है।

यह क्यों होता है? हम सभी का जीवन, हमारी मानसिक स्थिति, शारीरिक स्थिति और हमारे जीवन की क्रिया-प्रतिक्रियाएं सभी ग्रह, दशा और गोचर के द्वारा ही निर्धारित है। ग्रहों की दशाएं, गोचर बदलने के साथ ही हम सभी जीवन की किसी ना किसी क्षेत्र में बदलाव करना चाहते है। सामान्यता नौकरी करने वालों का एक सामान्य और सबसे अधिक किया जाने वाला प्रश्न होता है की हमें नयी नौकरी कब मिलेगी, या नौकरी में बदलाव कब होगा? इस समस्या का समाधान एक योग्य ज्योतिषी आपकी कुंडली देख कर सरलता से करा सकता है। इस विषय में ज्योतिषीय योग क्या कहते है? आइए जाने-

जॉब बदलने से जुड़े भाव

दूसरा भाव वैदिक ज्योतिष में धन भाव और एकादश भाव को आय भाव के नाम से जाना जाता है। कोई व्यक्ति जीवन में कितनी आय अर्जित करेगा यह आय भाव से और वह आय में से क्या बचाएगा यह धन भाव से जाना जाता है। दशम भाव कर्म भाव है। कोई व्यक्ति अपनी कार्यक्षेत्र में सुविधाजनक महसूस कर रहा है या नहीं यह दशम भाव का विश्लेषण कर जाना जा सकता है। सामान्यता जिन जातकों की कुंडली में चतुर्थ भाव पीड़ित होता है, वो लोग शीघ्र परिवर्तन का सोचते है। दशम भाव के स्वामी का तीसरे, पांचवें और आठवें एवं बारहवें भाव पर गोचर से कार्यक्षेत्र में स्थानांतरण जाना जा सकता है।

जिन व्यक्तियों को विदेश में नौकरी की चाह हो उन व्यक्तियों की कुंडलियों में बारहवें भाव का विचार करने के साथ साथ चतुर्थ भाव की पीड़ा का विचार प्रथम करना चाहिए। बारहवें भाव से ही व्यक्ति की सेवानिवृति का अध्ययन किया जाता है। वैसे तो किसी भी घटना के घटित होने में कुंडली के योगों के अतिरिक्त दशा की भूमिका भी अहम् होती ही परन्तु यहाँ हम दशमेश के गोचर और मंगल ग्रह के विभिन्न भावों पर गोचर का अध्ययन किया जाता है। सम्बंधित ग्रहों की दशाओं को यहाँ नहीं देखा गया है।

नौकरी में बदलाव के ज्योतिषीय योग

  • यदि गोचर में 1, 4, 7 और 10वां भाव पीड़ित हों तो व्यक्ति के मन में स्थानांतरण के विचार आते हैं।
  • जब दशम भाव में नीचस्थ ग्रह हो या दशम भाव में अस्त ग्रह स्थित हो, साथ ही ऐसे ग्रह की दशा/अन्तर्द्शा भी प्रभावी हों तो व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में असुविधा के चलते नौकरी में बदलाव करता है।
  • गोचर में चतुर्थ भाव का अशुभ ग्रहों के प्रभाव में आने पर व्यक्ति के सुख-संतोष में कमी होती है और वह बदलाव का सोचने लगता है। वर्तमान में स्थान परिवर्तन का सोचने लगता है।
  • यदि किसी जातक की कुंडली में चौथा भाव प्रभावित है तो यह स्थानांतरण का संकेत है।
  • जब सूर्य केंद्र भाव में हो और नीचस्थ हो, उस स्थिति में भी सरकारी क्षेत्रों में काम करने वाले व्यक्तियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
  • गोचर में जब दशम भाव का स्वामी तीसरे, पांचवें या आठवें भाव में गोचर करें उस समय नौकरी में स्थानान्तरण के प्रयास सफल होते है।

नौकरी में स्थानांतरण के ज्योतिषीय योग

  • गोचर में शनि जब मित्र ग्रहों के साथ अष्टम भाव पर गोचर करता है तो नौकरी में बदलाव देता है।
  • गुरु ग्रह जब गोचर में दशम भाव के स्वामियों पर से भ्रमण करता है तो मनपसंद स्थान पर स्थान परिवर्तन देता है।
  • तीसरे, पांचवें और आठवें भाव के स्वामियों की दशा प्रभावी होने पर स्थानांतरण के योग बनते है।
  • दशम भाव, बारहवें भाव, तीसरे, पांचवें और आठवें भाव पर शनि का गोचर भी कार्यक्षेत्र में बदलाव देता है।
  • वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्मपत्री का तीसरा और बारहवां भाव मुख्य रुप से स्थानांतरण के लिए देखा जाता है। इन दोनों भावों के स्वामियों के मध्य गोचर में संबंध बनने पर नौकरी में बदलाव हो सकता है।
  • एकादश भाव स्थानांतरण के समय सक्रिय हो रहा हो तो नौकरी बदलने पर आय वृद्धि भी होती है।