Astrology

इस दिन से है शारदीय नवरात्रि जानें

318views

इस दिन से है शारदीय नवरात्रि जानें

Shardiya Navratri 2022 Dates : शारदीय नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि का हर दिन देवी के एक स्वरूप को समर्पित है.जानिए दुर्गा पूजा की प्रमुख तिथियां.शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर से हो रही है.नवरात्रि में भक्त नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की बड़े विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करते हैं.नवरात्रि के पहले दिन घरों में कलश स्थापित कर दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू किया जाता है.मंदिरों में जागरण और मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की झांकियां सजाई जाती हैं।

ALSO READ  श्री महाकाल की पावन निश्रा और पलाश विधि

मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों तक माता रानी की विशेष पूजा करने से भक्तों की हर तरह की मनोकामना पूरी होती है. नवरात्रि का हर दिन देवी के एक स्वरूप को समर्पित है. उस दिन मां के उस रूप की पूजा,आराधना और मंत्र जाप का विधान है।

नवरात्रि की प्रमुख तिथियां

नवरात्रि का पहला दिन : 26 सितम्बर 2022, सोमवार – प्रतिपदा (मां शैलपुत्री)
नवरात्रि का दूसरा दिन : 27 सितम्बर 2022, मंगलवार – द्वितीया (मां ब्रह्मचारिणी)
नवरात्रि का तीसरा दिन : 28 सितम्बर 2022, बुधवार – तृतीया (मां चंद्रघंटा)
नवरात्रि का चौथा दिन : 29 सितम्बर 2022, गुरुवार – चतुर्थी (मां कुष्मांडा)
नवरात्रि का पांचवा दिन : 30 सितम्बर 2022, शुक्रवार – पंचमी (मां स्कंदमाता)
नवरात्रि का छठवां दिन : 01 अक्टूबर 2022, शनिवार – षष्ठी (मां कात्यायनी)
नवरात्रि का सातवां दिन : 02 अक्टूबर 2022, रविवार – सप्तमी (मां कालरात्रि)
नवरात्रि का आठवां दिन : 03 अक्टूबर 2022, सोमवार – अष्टमी (मां महागौरी)
नवरात्रि का नौवां दिन : 04 अक्टूबर 2022, मंगलवार – नवमी (मां सिद्धिदात्री)
दुर्गा विर्सजन का दिन : 05 अक्टूबर 2022, बुधवार – दशमी (मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन)

ALSO READ  Aaj Ka Rashifal 21 April 2023: आज इन राशियों को व्यावसायिक मामलों में मिलेगी सफलता

मां दुर्गा की पूजन विधि

नवरात्रि के पहले दिन प्रात:काल सूर्योदय से पहले उठें और स्नान-ध्यान के बाद नवरात्रि के व्रत का संकल्प उठाएं. शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से कलश की स्थापना करें. इसके बाद देवी दुर्गा की विधि विधान से पूजा करें.आज के दिन देवी दुर्गा की मंत्र स्तोत्र से पूजा करें. नवरात्रि में हर दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करना चाहिए. इसके बाद अष्टमी या नवमी के दिन कन्याओं का विशेष पूजन करें औरअपने व्रत का पारण करें।