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महालक्ष्मी व्रत के दौरान इन बातों का रखें विशेष ध्यान

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महालक्ष्मी व्रत हिंदुओं में बेहद शुभ माना जाता है। यह त्यौहार खासतौर पर महाराष्ट्रीयन परिवारों का खास त्यौहारों में से एक माना जाता है। इस व्रत को विवाहित जोड़े रखते हैं। इस दिन धन-धान्य और समृद्धि की प्रतिक मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी है, जिन्हें भारतीय परंपरा में सुख-समृद्धि और एश्वर्य की देवी के रूप में पूजा जाता है। इस साल महालक्ष्मी व्रत 06  सितंबर, शुक्रवार से शुरू हो रहा है। यह व्रत 15 दिन चलता है। पौराणिक मान्यता है कि इस व्रत से गरीबी हमेशा-हमेशा के लिए चली जाती है।

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महालक्ष्मी व्रत के दौरान इन बातों का रखें विशेष ध्यान

1. महालक्ष्मी व्रत के दौरान शाकाहारी भोजन करें। मांसाहारी भोजन का सेवन ना करें।

2. सोने-चांदी के सिक्के, मिठाई व फल भी रखें। इसके बाद माता लक्ष्मी के आठ रूपों की इन मंत्रों के साथ कुंकुम, चावल और फूल चढ़ाते हुए पूजा करें।

3. पान के पत्तों से सजे कलश में पानी भरकर मंदिर में रखें। कलश के ऊपर नारियल रखें।

4. कलश के चारों तरफ लाल धागा बांधे और कलश को लाल कपड़े से अच्छी तरह से सजाएं। कलश पर कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं। स्वास्तिक बनाने से जीवन में पवित्रता और समृद्धि आती है।

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5. कलश में चावल और सिक्के डालें। इसके बाद इस कलश को महालक्ष्मी के पूजास्थल पर रखें।

6. कलश के पास हल्दी से कमल बनाकर उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति प्रतिष्ठित करें। मिट्टी का हाथी बाजार से लाकर या घर में बना कर उसे स्वर्णाभूषणों से सजाएं। नया खरीदा सोना, हाथी पर रखने से पूजा का विशेष लाभ मिलता है।

7. माता लक्ष्मी की मूर्ति के सामने श्रीयंत्र भी रखें। कमल के फूल से पूजन करें।

8. इन आठ रूपों में मां लक्ष्मी की पूजा करें- श्री धन लक्ष्मी मां, श्री गज लक्ष्मी मां, श्री वीर लक्ष्मी मां, श्री ऐश्वर्या लक्ष्मी मां, श्री विजय लक्ष्मी मां, श्री आदि लक्ष्मी मां, श्री धान्य लक्ष्मी मां और श्री संतान लक्ष्मी मां।