ज्यों-ज्यों मन शांत होता जायेगा, त्यों-त्यों उसमें परमात्मा का सुख उभरता जायेगा
ज्यों-ज्यों मन शांत होता जायेगा, त्यों-त्यों उसमें परमात्मा का सुख उभरता जायेगा जन्म-मरण मन की चंचलता और आसक्ति का फल है। दुःख-क्लेश का मूल है, मन की चंचलता और आसक्ति। गीता में अर्जुन कहता है श्रीकृष्ण सेः चंचलं हि मनः कृष्ण प्रमाथि बलवद् दृढ़म्। तस्याहं निग्रहं मन्ये वायोरिव सुदुष्करम्।। ʹहे...