इंदौर का गणेश मंदिर, जहां बुधवार को दीवार पर उल्टा स्वास्तिक बनाने पर होता है चमत्कार
इंदौर में विजय नगर से कुछ दूर खजराना चौक के पास ही एक मंदिर है खजराना मंदिर। ये मंदिर गणपति जी का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। बताया जाता है कि इस प्राचीन मंदिर का निर्माण अहिल्या बाई होल्कर ने कराया था और इस मंदिर में गणपति जी केवल सिंदूर से स्थापित किए गए हैं। यह मंदिर मुख्यत: गणपति जी का ही है।
इस मंदिर की मान्यता है कि यहां जब भी कोई दिल से मनोकामना की जाती है वह पूरी जरूरी होती है, लेकिन इसे पूरी करने के लिए कुछ अलग तरीके से प्रयास करना होता है। ये पहला मंदिर हैं जहां मनोकामना पूरी करने के लिए लोग हिंदू शास्त्र के विपरीत काम करते हैं और जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है तब मंदिर में आ कर अपनी इस गलती का सुधार करते हैं। तो आइए जानते हैं इस मंदिर की क्या मान्यता है और मनोकामना पूर्ण करने के लिए लोग यहां क्या करते हैं।
गणपति के पीठ पर बनाते हैं उल्टा स्वास्तिक
खजराना मंदिर में जो भी भक्त अपनी मनोकामना ले कर आता है वह गणेश जी के पीठ पर उल्टा स्वास्तिक बनाता है। जीं हां, उल्टा स्वास्तिक और जब उसकी मनोकामनागणपति जी पूर्ण कर देते हैं तो भक्त मंदिर में आकर भगवान के पीठ पर सीधा स्वास्तिक बनाते हैं।
हर बुधवार होता है विशेष आयोजन
बुधवार का दिन गणपति जी का होता है और यही कारण हे कि इस दिन मंदिर में विशेष आयोजन होता है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि हर काम की शुरुआत में सबसे पहले गणपति जी को निमंत्रित किया जाता है। कोई शुभ कार्य, विवाह या आयोजन उनके आह्वान और निमंत्रण के के बाद ही शुरू हो सकता है। इसलिए भक्त भी अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए बुधवार को ही यहां सबसे ज्यादा आते हैं।
मंदिर में और भी हैं भगवान
मंदिर में गणेश जी के अतिरिक्त माता दुर्गा जी, महाकालेश्वर की भूमिगत शिवलिंग, गंगा जी की मगरमच्छ पर जलधारा मूर्ति, लक्ष्मी जी का मंदिर, साथ ही हनुमान जी की झाँकी मन मुग्ध करने वाली है। यहाँ शनि देव मंदिर एवं साई नाथ भी मौजूद हैं।