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रमन सिंह छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। रमन सिंह 1990 और 1993 में मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। उसके बाद सन् 1999 में वे लोकसभा के सदस्य चुने गये। 1999 और 2003 में उन्होंने भारत सरकार में राज्य मंत्री का भी पद संभाला। 2004 में हुये विधानसभा के चुनावों में उन्होंने सफलता पाई और छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री बने। 2008 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने फिर से सफलता पायी और राज्य के पुन: मुख्यमंत्री बने। 2013 के चुनावों में फिर उन्होंने विजय पायी और मुख्यमंत्री का पद संभाला।
राज्य सरकार की अनेक जन-कल्याणकारी योजनायें ग्राम सुराज अभियान की देन हैं। तेंदुपत्ता संग्रहकों के लिये चरण-पादुका योजना, प्रदेश के लाखों गरीब परिवारों के लिये नि:शुल्क नमक और मात्र एक रूपये और दो रूपये किलों में हर महीने 35 किलो चावल वितरण की योजना, कुपोषण मुक्ति अभियान, गरीब परिवारों के हृदय रोग से पीडि़त बच्चों के
छत्तीसगढ़ की पी.डी.एस. सार्वजनिक खाद्यान्न वितरण प्रणाली ने देश में एक मिसाल पेश की है, वही प्रति व्यक्ति वार्षिक आय तथा औद्योगिक विकास के क्षेत्र में भी अपने साथ अस्तित्व में आये अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह की लो प्रोफाईल राजनीति ने इस बार भी कमाल दिखाकर छत्तीसगढ़ में कमल खिलाया है। 2013 के इन चुनावों की सबसे बड़ी खासियत यही रही कि प्रदेश में न तो झीरम में नक्सली हमले के चलते हुई कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की मौत से पैदा हुई कोई सहानुभूति की लहर दिखाई पड़ी और न ही भाजपा के मोदी राग का कोई असर दिखाई दिया।
लिये बाल हृदय सुरक्षा योजना, कटे-फटे होंठ वाले लोगों और विशेष रूप से बच्चों की नि:शुल्क सर्जरी के लिये मुस्कान योजना, मूक बधिर बच्चों के नि:शुल्क ऑपरेशन के लिये बाल-श्रवण योजना, किसानों के 5 हॉर्स पावर तक सिंचाई पम्पों को सलाना छ: हजार यूनिट नि:शुल्क बिजली देने की योजना सहित कई योजनायें ग्राम सुराज अभियान में जनता की जरूरतों को गंभीरता से समझकर तैयार की गयी।
राज्य सरकार की अनेक जन-कल्याणकारी योजनायें ग्राम सुराज अभियान की देन हैं। तेंदुपत्ता संग्रहकों के लिये चरण-पादुका योजना, प्रदेश के लाखों गरीब परिवारों के लिये नि:शुल्क नमक और मात्र एक रूपये और दो रूपये किलों में हर महीने 35 किलो चावल वितरण की योजना, कुपोषण मुक्ति अभियान, गरीब परिवारों के हृदय रोग से पीडि़त बच्चों के
छत्तीसगढ़ की पी.डी.एस. सार्वजनिक खाद्यान्न वितरण प्रणाली ने देश में एक मिसाल पेश की है, वही प्रति व्यक्ति वार्षिक आय तथा औद्योगिक विकास के क्षेत्र में भी अपने साथ अस्तित्व में आये अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह की लो प्रोफाईल राजनीति ने इस बार भी कमाल दिखाकर छत्तीसगढ़ में कमल खिलाया है। 2013 के इन चुनावों की सबसे बड़ी खासियत यही रही कि प्रदेश में न तो झीरम में नक्सली हमले के चलते हुई कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की मौत से पैदा हुई कोई सहानुभूति की लहर दिखाई पड़ी और न ही भाजपा के मोदी राग का कोई असर दिखाई दिया।
लिये बाल हृदय सुरक्षा योजना, कटे-फटे होंठ वाले लोगों और विशेष रूप से बच्चों की नि:शुल्क सर्जरी के लिये मुस्कान योजना, मूक बधिर बच्चों के नि:शुल्क ऑपरेशन के लिये बाल-श्रवण योजना, किसानों के 5 हॉर्स पावर तक सिंचाई पम्पों को सलाना छ: हजार यूनिट नि:शुल्क बिजली देने की योजना सहित कई योजनायें ग्राम सुराज अभियान में जनता की जरूरतों को गंभीरता से समझकर तैयार की गयी।