Other Articles

थायरायड रोग और उसके ज्योतिष लक्षण

276views

Image result for thyroid

थायरायड ग्रंथि गर्दन के सामने की ओर,श्वास नली के ऊपर एवं स्वर यन्त्र के दोनों तरफ दो भागों में बनी होती है। इसका आकार तितली की तरह होता है। यह थाइराक्सिन नामक हार्मोन बनाती है। जिससे शरीर के ऊर्जा क्षय, प्रोटीन उत्पादन एवं अन्य हार्मोन के प्रति होने वाली संवेदनशीलता नियंत्रित होती है।
थायरायड मानव शरीर मे पायी जाने वाली सबसे बड़ी एंडोक्राइन ग्लैंड में से एक है। थायरायड ग्रंथि गर्दन के सामने की ओर,श्वास नली के ऊपर एवं स्वर यन्त्र के दोनों तरफ दो भागों में बनी होती है। इसका आकार तितली की तरह होता है। यह थाइराक्सिन नामक हार्मोन बनाती है। जिससे शरीर के ऊर्जा क्षय, प्रोटीन उत्पादन एवं अन्य हार्मोन के प्रति होने वाली संवेदनशीलता नियंत्रित होती है। आइये जानते हैं कि आखिर थायरायड के कार्य क्या होते हैं और इस बीमारी के लक्षण क्या हैं? थायरायड ग्रंथि के कार्य, शरीर से दूषित पदार्थों को बाहर निकालने में सहायता करती है। बच्चों के विकास में इन ग्रंथियों का विशेष योगदान होता है। यह शरीर में कैल्शियम एवं फास्फोरस को पचाने में मदद करता है। इसके द्वारा शरीर के टम्प्रेचर को नियंत्रण किया जाता है। कोलेस्ट्रॉडल लेवल का नियंत्रित करना, प्रजनन और स्तनपान, मांसपेशियों के विकास को बढ़ावा देता है ।

ALSO READ  Canada's Better Lowest Deposit Casinos Inside the 2024

हायपोथायराडिज्म- थायरायड ग्रंथि से अगर थाईराक्सिन कम बनने लगे तो उसे ‘हायपोथायराडिज्मÓ कहते हैं। इस से निम्न रोग के लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं –
* शारीरिक व मानसिक विकास धीमा हो जाता है।
* इसकी कमी से बच्चों में क्रेटिनिज्म नामक रोग हो जाता है।
* 12 से 14 साल के बच्चे की शारीरिक वृद्धि रुक जाती है।
* शरीर का वजन बढऩे लगता है एवं शरीर में सूजन भी आ जाती है।
* सोचने, बोलने की क्रिया धीमी हो जाती है।
* शरीर का ताप कम हो जाता है, बाल झडऩे लगते हैं तथा गंजापन होने लगता है।

ALSO READ  Finest Casinos on the internet Inside the 2024 Which have 100percent Local casino Bonus

हाइपरथायरायडिज्म- इसमें थायराक्सिन हार्मोन अधिक बनने लगता है। ये असमान्य अवस्थाएं किसी भी आयु वाले व्यक्ति में हो सकती है तथापि पुरुषों की तुलना में पांच से आठ गुणा अधिक महिलाओं में यह बीमारी होती है। इससे निम्न रोग लक्षण उत्पन्न होते हैं।
* शरीर में आयोडीन की कमी हो जाती है।
* घेंघा रोग उत्पन्न हो जाता है।
* शरीर का ताप सामान्य से अधिक हो जाता है।
* अनिद्रा, उत्तेजना तथा घबराहट जैसे लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं।
* शरीर का वजन कम होने लगता है।
* कई लोगों की हाथ,पैर की अंगुलियों में कम्पन उत्पन्न हो जाता है।
* मधुमेह रोग होने की प्रबल सम्भावना बन जाती है।

थायरायड की जांच- थायरायड बीमारी को जांचने के लिये कुछ परीक्षण किये जाते हैं जैसे, टी3, टी4, एफटीआई, तथा टीएसएच। इन परीक्षणों से थायरायड ग्रंथि की स्थिति का पता चलता है। कुछ डॉक्टरों का मानना है कि आयोडीन की कमी के लक्षण दिखने पर ही जांच के लिए आना चाहिए, जबकि कई दूसरे मानते हैं कि कई बार लक्षण पहचान में ही नहीं आते। इन डॉक्टरों की राय है कि तीस साल से अधिक की उम्र में गर्भ धारण करने वाली हर महिला को थाइरॉयड की जांच करानी चाहिए।

ALSO READ  Canada's Better Lowest Deposit Casinos Inside the 2024

ज्योतिष शास्त्र अनुसार थाईराईड का कारण- लग्रेश या द्वीतियेश का छटवा, आठवा या 12वां स्थान पर बैठा हो तो थायराईड रोग का कारण बनता है। साथ ही यदि लग्नेश या द्वीतियेश अपने स्थान से छटवें, आठवे या 12वें हों अथवा क्रूर ग्रहों से आक्रंत हों, तो भी थायराईड की बीमारी लग सकती है। थायराईड की बीमारी की मुक्ती के लिए ज्योतिषीय उपाय हेतु लग्रेश या द्वीतियेश की शांति कराना, संबंधित ग्रहों का दान करना, मंत्र जाप करना, धनिया का सेवन करना।

Pt.P.S Tripathi

Mobile no-9893363928,9424225005

Landline no-0771-4035992,4050500

Feel Free to ask any questions in