गुण का ज्योतिष्य आधार
संस्कृत में गुण का अभिप्राय होता है- रस्सी। गुणनुमा रस्सी व्यक्ति को इस संसार से जोउ़कर रखती है। सतोगुण, तमो गुण एवं रजोगुण विभिन्न परिमाण में प्रत्येक व्यक्ति में समाविष्ट होते हैं। यही कारण है कि प्रत्येक व्यक्ति का आचरण एवं व्यवहार एक-दूसरे से निश्चित ही अलग होता है। जिस तरह तीन मुख्य रंग लाल, पीला और नीला मिलकर विभिन्न रंगों को उत्पन्न करते हैं, उसी प्रकार गुणों के विभिन्न मिश्रण इस संसार में अनंत प्रकार के व्यक्तित्वों का निर्माण करते हैं। जब तक हम इन गुणों की प्रकृति और...