वास्तु शास्त्र के कुछ नियम रोग निवारण में भी सहायक सिद्ध होते हैं। आपको विस्मय होना स्वाभाविक है कि जो रोग राजसी श्रेणी में आ कर फिर कभी समाप्त नहीं होते बल्कि केवल दवाइयों के द्वारा नियंत्रित हो कर जीवन भर हमें दंड देते रहते हैं। वास्तु सही रूप से जीवन की एक कला है क्योंकि हर व्यक्ति का शरीर ऊर्जा का केन्द्र होता है। जहां भी व्यक्ति निवास करता है वहाँ की वस्तुओं की ऊर्जा अपनी होती है और वह मनुष्य की उर्जा से तालमेल रखने की कोशिश करती...
केवल ज्ञान का भार ढोने का कोई महत्व नहीं। महत्व है ज्ञान के प्रायोगिक निरूपण का, जानने और मानने में अंतर है श्रेयस्कर है। हम पहले जानें फिर मानें। प्राणी जगत में व्यक्ति सर्वश्रेष्ठ प्राणी इसलिए कहलाता है कि उसमें विवेक एवं संवेदना का गुण है दुनिया का हर व्यक्ति जीवन में सुख-समृद्धि मानसिक शांति और कामयाबी की ऊंची उड़ान की इच्छा करता है। वास्तुशास्त्र व्यक्ति के आचार, विचार, पद, सम्मान व आर्थिक स्थितियों को भी प्रभावित करता है। जो वास्तुशास्त्र चुंबकीय प्रवाहों, वायु, सूर्य की ऊर्जा आदि पर आधारित...
वास्तु में प्रत्येक दिशा किसी न किसी ग्रह द्वारा शासित होता है। अतः किसी भी व्यवसाय को तत्संबंधी दिशाओं एवं ग्रहों के अनुकूल रहने पर विशेष लाभ मिलता है। प्रश्न: पूर्व दिशा में किस तरह का व्यवसाय करना चाहिए? उत्तर: ग्रहों में सूर्य पूर्व दिशा का स्वामी होता है।दवा, औषधि आदि के लिए पूर्व की दिशा सबसे उपयुक्त है। दवाइयां उत्तर एवं पूर्व के रैक पर रखें। उत्तर-पूर्व के निकट सूर्य की जीवनदायिनी किरणें सर्वप्रथम पड़ती हैं जो कि दवाइयां को ऊर्जापूर्ण बनाए रखती हंै जिसके सेवन से मनुष्य शीघ्र...