कई लोगों के मन में राहु का नाम सुनते ही भय पैदा हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में कुल 12 भाव होते हैं जिन पर राहु विभिन्न तरह से प्रभाव डालता है। कहते हैं कि अगर इंसान की कुंडली में राहु की स्थिति खराब हो तो उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में व्यक्ति को अपनी सेहत के प्रति बहुत सी बीमारियों का सामना करना पड़ता है। राहु के खराब होने से गैस प्रॉब्लम, बवासीर, पागलपन, उदर रोग, अत्याधिक बाल झड़ना, नाखूनों का टूटना, सिर दर्द और किसी तरह की गंभीर बीमारी उत्पन्न हो सकती है। चलिए आगे जानते हैं इससे जुड़ी कुछ ओर खास बातें।
राहु खराब होने की वजह
कहते हैं कि राहु के खराब होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे अगर इंसान अपने गुरु या धर्म का अपमान करता हो या फिर किसी के साथ कड़वे वचन बोलता हो। लगातार तामसिक भोजन करने, झूठ बोलने, धोखा देना, ब्याज का धंधा करने इत्यादि चीजों से राहु ग्रह खराब हो जाता है।
राहु खराब होने के संकेत
वैसे तो किसी भी ग्रह के खराब होने का अंदाजा उसके प्रभावों लगाया जा सकता है। जैसे ्गर राहु खराब है तो याददाश्त कम होने लगेगी, शत्रुओं में वृद्धि होगी, गुस्से पर नियंत्रण नहीं रहेगा, मानसिक तनाव बढ़ेंगे, भय की स्थिति उत्पन्न होगी, आर्थिक नुकसान होगा, धोखा देने की प्रवृति उत्पन्न होगी, व्यक्ति मद्यपान या संभोग में ज्यादा रह सकता है, लापरवाह बनेंगे, वाहन दुर्घटना हो सकती है इत्यादि।
राहु का इन बीमारियों से हैं संबंध
राहु के खराब होने से गैस प्रॉब्लम, बवासीर, पागलपन, उदर रोग, अत्याधिक बाल झड़ना, नाखूनों का टूटना, सिर दर्द और किसी तरह की गंभीर बीमारी उत्पन्न हो सकती है। अत्याधिक कमजोर राहु व्यक्ति को पागलखाने, दवाखाने या जेलखाने भी भेज सकता है।
राहु के उपाय
- जिस जातक की कुंडली में राहु खराब हो तो वह हर रोज इस बीज मन्त्र का जाप 108 बार कर सकता है- ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:
- हर मंगलवार को हनुमान की पूजा करें। अगर संभंव हो तो हनुमान मंदिर भी जा सकते हैं। इसके साथ ही बजरंग बाण या हनुमान चालीसा का पाठ प्रतिदिन करें।
- किसी ज्योतिष विशेषज्ञ की सलाह के साथ गोमेद धारण करें।
- मंगलवार के दिन तिल और जौ किसी हनुमान मंदिर में दान करें।
- हर रोज़ दुर्गा चालीसा का पाठ करने से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
- अपनी छत पर पक्षियों को रोजाना बाजरा खिलाने की बजाए, किसी खुले मैदान में दाना डालें।
- प्रतिदिन शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। इसके साथ ही सुबह के समय चंदन का टीका लगाएं।