जानिए ? वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा
वास्तु शास्त्र में बताये गए उपाय पूरी तरह से वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित होते हैं। वास्तु में किसी भी नए घर या भवन के निर्माण से पहले सूर्य की किरणों, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र तथा भौगोलिक स्थिति का पूरा ध्यान रखा जाता है। घर को बनवाने से पहले हर व्यक्ति यही चाहता है कि नए घर में उसका जीवन सुख-शांति से बीते। इसलिए, घर बनाने के दौरान वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा भी निर्धारित होती है। शौचालय अगर गलत दिशा में हो तो इससे आपके घर में धन की हानि, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आदि जैसे प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल सकते है। वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा हमने यहाँ वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा संबंधी कुछ सुझाव दिए है।
वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा 1 : बाथरूम का स्थान तय करें
घर का उत्तर-पश्चिम या उत्तर दिशा वह स्थान है जहां कचरा रखा जाता है। इसलिए, आपका बाथरूम हमेशा उत्तर-पश्चिमी कोने में या आपके घर के उत्तर की ओर होना चाहिए। इससे आपका घर नकारात्मक ऊर्जा से बचा रहता है तथा घर में सकारात्मकता आती है।
वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा 2 : टॉयलेट सीट की दिशा
वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा पर विचार करना महत्वपूर्ण है। टॉयलेट की सीट को हमेशा ऐसी दिशा में होनी चाहिए कि इसका उपयोग करने वाले का मुख घर के उत्तर या दक्षिणी दिशा में हो। इससे परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक रहेगा।
द-दिशा-के-आमने-के-शौचालय-सीटवास्तु के अनुसार शौचालय की सही दिशा
वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा 3 : वह दिशा जिससे हमेशा बचना चाहिए
पूर्वी या उत्तर-पूर्वी कोने को धार्मिक तथा आध्यात्मिक कार्यों के लिए सही माना जाता है। घर के इस हिस्से में कभी भी शौचालय नहीं बनवाना चाहिए। इससे आपके परिवार के सदस्यों की भलाई तथा आपके घर की समृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा 4 : इस दिशा का महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ता है प्रभाव
प्राचीन काल में महिलाओं तथा पुरुषों के बॉथरुम अलग-अलग होते थे। वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि महिलाओं का शौचालय दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्वी और दक्षिण हिस्से में नहीं होना चाहिए। इससे महिलाओं के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा 5 : टॉयलेट सीट के ऊपर खिड़की लगवाएं
शौचालय का मुख घर की उत्तर दिशा में होना चाहिए और इसके ठीक ऊपर खिड़की बनवाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
हैव-ए-विंडो-ऊपर-द-सीटवास्तु के अनुसार सीट के ऊपर खिड़की लगा हुआ शौचालय
वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा 6 : टॉयलेट को थोड़ा ऊंचाई पर बनवाएं
वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा तय करने के पश्चात् बाथरूम को घर की सतह से थोड़ा ऊंचा बनवाना बेहतर होता है। लेकिन कभी-कभी ऐसा करने से आपके घर का डिजाइन बिगड़ सकता है। इसलिए, अपने शौचालय की सीट को ऊपर लगाकर एक सीढ़ी बनवाएं।
लिफ्ट-अप-अपना-शौचालय-सीट-के-वास्तु-शौचालय के लिएवास्तु के अनुसार समतल फर्श वाले शौचालय
वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा 7 : सही दिशा में जल निकासी व्यवस्था
जैसा कि हमने बताया है, घर का पश्चिमी हिस्सा वह क्षेत्र होता है, जहां आपका शौचालय होना चाहिए। इसलिए, बाथरूम का ड्रेनेज सिस्टम, चाहे वह शौचालय के लिए हो या वॉश बेसिन के लिए हो, पश्चिमी दिशा की तरफ होना चाहिए। वास्तव में, आपके घर के सभी ड्रेनेज पाइप एक ही दिशा में होने चाहिए।
ड्रेनिंग-द-वेस्ट-इन-राइट-दिशावास्तु के अनुसार शौचालय में जल निकासी की दिशा
वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा 8 : बाथरूम के दरवाजे बनाने के लिए लकड़ी का प्रयोग करें
धातु से आपके बाथरूम से ऊर्जा आपके लिविंग एरिया में आती है और सकारात्मक ऊर्जा पर अपना प्रभाव डालती है। इसलिए, अपने बाथरूम में लकड़ी के दरवाजे लगाएं ताकि बाथरूम से निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव को कम किया जा सके।
उपयोग-लकड़ी-बनाने-बाथरूम-दरवाजेवास्तु के अनुसार लकड़ी के दरवाजे वाला शौचालय
वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा 9 : बाथरूम के दरवाजे की स्थिति
बाथरूम बनाते समय बाथरूम के दरवाजे की दिशा का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। बाथरुम का दरवाजा हमेशा या तो उत्तर की ओर या पूर्व की ओर खुलना चाहिए। पूर्व दिशा धार्मिक कार्यों के लिए शुभ होती है, इसलिए पूजा कक्ष कभी भी बाथरूम के सामने नहीं होना चाहिए।
आपके बाथरूम के दरवाजे की स्थितिवास्तु के अनुसार सही दिशा में दरवाजे वाला शौचालय
वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा 10 : दीवार पर लगे शीशे की दिशा
वास्तु में दर्पण का बहुत महत्व है। दर्पण या शीशा नकारात्मक व सकारात्मक दोनों तरह की ऊर्जा को प्रतिबिंबित करते हैं। इसलिए, बाथरूम के पूर्वी दीवार पर पश्चिम दिशा की ओर मुख वाला, या बाथरूम की दक्षिणी दीवार पर उत्तर दिशा की ओर मुंह वाला शीशा लगाने से सभी बुरी ऊर्जा वापस प्रतिबिंबित होती हैं।
अपने दर्पण को दीवार पर रखनावास्तु के अनुसार प्रतिबिंबित एरिया के साथ शौचालय सीट की दिशा
वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा 11 : कभी भी अपने घर के बीच में न बनवाएं
आपके घर के केंद्र में ऊर्जा अधिक होती है तथा इसे ब्रह्मस्थान माना जाता है। कभी भी टॉयलेट सीट या बाथरूम को घर के मध्य भाग में लगाने की गलती न करें। इससे आपके घर व परिवार के सदस्यों पर खतरनाक प्रभाव पड़ सकता है। कमर्शियल जगहों पर भी ऐसा ही करें।
कभी-पर-द-सेंटर-ऑफ़-द-होमवास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) का मूल नियम
वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा 12 : यदि संभव हो तो इस नियम पर विचार करें
वास्तु के अनुसार शौचालय तथा बॉथरुम अलग-अलग स्थान पर होना चाहिए। हालाँकि, ऐसा करना दिनों-दिन बढ़ती आबादी को देखते हुए असंभव है। लेकिन, यदि आप ऐसा कर सकते है, तो स्नान व शौचालय के लिए अलग-अलग जगह व्यवस्था करने पर विचार करें।
विचार-यह-सिद्धांत-यदि संभव हो तोवास्तु के अनुसार शौचालय व बाथरुम के लिए अलग-अलग जगह
वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा 13 : आपके बाथरूम के लिए वैकल्पिक दिशा
यदि आपके पास वास्तु सिद्धांतों के अनुसार बाथरूम को फिर से बनाने का विकल्प नहीं है तो आप यहाँ बताया गया सुझाव मान सकते हैं। शौचालय बाथरूम के दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पूर्वी दिशा में बनवाएं। हालांकि ये केवल विकल्प हैं, ऊपर बतायी गई सही दिशा का उपयोग करना हमेशा बेहतर होगा।
आपके बाथरूम के लिए वैकल्पिक दिशावास्तु के अनुसार शौचालय के लिए वैकल्पिक दिशा
वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा 14 : बाथरूम के ढलान का भी रखें ध्यान
आपके बाथरूम का ढलान उत्तर दिशा की ओर झुका होना चाहिए जहां जल निकासी पाइप जुड़ी हुई है। यदि ढलान का झुकाव ड्रेनेज पाइप की ओर नहीं है तो आपके बाथरूम में पानी जमा हो सकता है। इसलिए बाथरूम में ड्रेनेज पाइप से पानी निकलने की पूरी व्यवस्था करें।
ढलान-की-आपके स्नानघर-गणनावास्तु के अनुसार शौचालय का ढलान
वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा 15 : जगह खाली रखें
चॉयलेट सीट के ऊपर की जगह पर पानी की टंकी के अलावा कुछ भी नहीं होना चाहिए। जगह खाली रहने से सीट के ऊपर की खिड़की से हवा अंदर और बाहर आ सकेगी। यह वास्तु और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोण से सही है।