पर्युषण पर्व: अपने बुरे कर्मों का नाश करके सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है
Paryushan 2019: जैन धर्म के अनुयायियों के लिए पर्युषण पर्व विशेष महत्व रखता है। यह एक सर्वाधि क महत्वपूर्ण पर्व है जो हमे अपने बुरे कर्मों का नाश करके सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। भगवान महावीर के सिद्धांत हमे इस बात का ध्यान रखने के लिये प्रेरणा देते हैं कि इस पर्व में हमें धर्म के बताए गए रास्ते पर चलें और आत्मसाधना में लीन हो जाएं।
श्वेताम्बर जैन समाज का आठ दिन का महापर्व पर्युषण सोमवार से शुरू हो चुका है। यह पर्व 2 सितंबर तक चलेगा। जिसके बाद दिगम्बर जैन सम्प्रदाय का पर्युषण पर्व शुरू होगा और वह 12 सितंबर को समाप्त होगा। आइए जानते हैं पर्युष ण महापर्व क्या है…
मांगते हैं गलतियों की क्षमा
पर्युषण पर्व महावीर स्वामी के मूल सिद्धांत अहिंसा परमो धर्म, जिओ और जीने दो की राह पर चलना सिखाता है। पर्युषण शब्द का अर्थ चारों ओर और उषण का अर्थ धर्म की आराधना होता है। पर्युषण के 2 हिस्से करें तो पहला तीर्थंकरों की पूजा, सेवा और स्मरण तथा व्रतों के माध्यम से शारीरिक, मानसिक व वाचिक तप में स्वयं को पूरी तरह समर्पित करना होता है।
दान का विशेष महत्व
इस पर्व में दान का विशेष महत्व होता है साथ ही यह भी संकल्प किया जाता है कि किसी भी रूप से किसी भी जीव को कभी भी किसी प्रकार का कष्ट न दिया जाए। किसी से किसी भी प्रकार की दुश्मनी न रखें।