29 साल बाद विशेष मुहूर्त में मनाये रक्षा बँधन-
रक्षासूत्र का पावन पर्व सावनमास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाताहै। रक्षाबंधन पर पुराणों में देवताओं या ऋषियों द्वारा जिस रक्षासूत्र बांधने परम्पराहै। इस का सबसे पहला उदाहरण राक्षसों से इन्द्रलोक को बचाने के लिए देवगुरूबृहस्पति ने इन्द्रदेव की पत्नी को एक उपाय बताया था।इन्द्रदेव की पत्नी ने देवासुरसंग्राम में असुरों पर विजय पाने के लिए मंत्र सिद्धकरके श्रावणशुक्ल पूर्णिमा को रक्षा सूत्र बांधा था, इसी सूत्र की शक्ति से देवराजयुद्ध में विजयी हुए। रक्षा बंधन के दिन अपरान्ह में रक्षासूत्र का पूजन करे और उसके बाद रक्षाबंधन का विधानहै। यह रक्षाबंधन राजा को पुरोहित द्वारा यजमान को ब्राह्मण द्वारा, भाईको बहन द्वारा और पति को पत्नी द्वारा दाहिनी कलाई पर किया जा सकताहै। विधि पूर्वक जिस के रक्षाबंधन किया जाताहै वह संपूर्ण दोषों से दूर रहकर संपूर्ण वर्ष सुखी रहताहै।
रक्षा सूत्र बांधने की विधि –
– प्रातःउठकर स्नान-ध्यान करके उज्ज्वल तथा शुद्ध वस्त्रधारण करें।
– घर को साफकरके, चावल के आटे का चैक पूर कर मिट्टी के छोटे से घड़े की स्थापना करें।
– चावल, कच्चे सूत का कपड़ा, सरसों, रोली को एक साथ मिलाएं। फिर पूजा की थाली तैयार कर दीप जलाएं।उसमें मिठाई रखें।
– इसके बाद भाई को पीढ़े पर बिठाएं (पीढ़ा यदि आम की लकड़ी का हो तो सर्वश्रेष्ठ माना जाताहै)।
– भाई को पूर्वाभिमुख, पूर्वदिशा की ओर बिठाएं।बहन का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।
– इसके बाद भाई के माथे पर टीका लगा कर दाहिने हाथ पर रक्षासूत्रबांधें।
– शास्त्रों के अनुसार रक्षासूत्र बांधे जाते समय निम्नमंत्र का जाप करने से अधिक फल मिलताहै।
“येनबद्धोबलिराजा, दानवेन्द्रोमहाबलःतेनत्वामप्रतिबद्धनामिरक्षे, माचल-माचलः”
– रक्षासूत्र (राखी) बांधने के बाद आरती उतारें फिर भाई को मिठाई खिलाएं। बहन यदि बड़ी हों तो छोटे भाई को आशीर्वाद दें और यदि छोटी हों तो बड़ेभाई को प्रणाम कर आशीर्वाद ग्रहण करें।
29 साल बाद रक्षाबंधन शुभमुहूर्त
रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय- शुभमुहूर्त: 09:29 से21:11 तक
भद्राविचार
रक्षाबंधन के दिन भद्रासुबह 09:28 में ही समाप्त हो जाएगी।
सावनपूर्णिमा का आरंभ = 02 अगस्त, रविवार 21:30 बजे से
सावन पूर्णिमा समाप्त = 03 अगस्त, सोमवार21:29बजे
रक्षाबंधन पर बहन करे भाई के लिए कुछ विशेष उपाय –
भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबन्धन श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाताहै। सभी के जिंदगी में बहुत से रिश्ते होतेहैं लेकिन भाई-बहन के रिेश्ते जैसा प्यारारिश्ता शायद ही कोई और हो सकता है. इस रिश्ते में सभी रिश्तो का निचोड़ माना जा सकताहै .. अगर बहनभाई के लिए खाना तैयार कर खिलाती है तो माँ के रिश्ते में होतीहै.. पढाई में सहयोग करे तो गुरु बन जातीहै. कभी दोस्त बन कर मदद करतीहै .. इस प्रकार किसी भी भाई के जीवन में एक बहन का होना हर क्षेत्र में शुभ हो सकताहै क्योंकि कोई बहन भाई का जितना शुभ चाहतीहै उतना कोई और नहीं .. लेकिन कभी कभी इन रिश्तों में दरारें पड़ने लगतीहैं. भाई-बहन के बीच नोकझोंक होती रहतीहै. लेकिन जब ये नोक झोंक पारिवारिक सुखशांति के लिए ही हानिकारक होताहै..
भाई के सुख सफलता समृद्धि या रिश्ते में कोई कमी या बाधा हो तो आज रक्षाबंधन के इस पावन पर्व पर कोई बहन कुछ छोटे-छोटे उपाय से ना सिर्फ रिश्तो को मजबूत कर सकती है साथ ही भाई के सभी तकलीफों को भी समाप्त कर सकती है आइए जाने की किस सामान्य उपाय से भाई को क्या लाभ प्राप्त हो सकता है जो एक बहन आज के दिन करें
कार्य में बाधा हो तो बहन यह करें
सिंदूर लगे हनुमान जी की मूर्ति का सिंदूर और लाल सूतक लेकर सीता जी के चरणों में लगाएं फिर माता सीता से एक सांस में अपनी मना निवेदित कर भक्ति पूर्वक प्रणाम कर सिंदूर और लाल सूट तक वापस ले आए इस प्रकार आज के दिन यह सिंदूर और लाल सूट भाई के बटुए में रहकर भाई को तिलक कराकर राखी बांधकर मिठाई खिलाए तो भाई के जीवन से सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है
अगर भाई ऋण से पीड़ित हो तो बहन ये करे –
मसूर की दाल“ॐऋणमुक्तेश्वरमहादेवायनमरू´´ मंत्र बोलते हुए शिवजी पर चढ़ाएं उसके बाद भाई की ऋण मुक्ति की कामना करते हुए 9 मसूर की दाल मूर्ति से वापस उठा ले और आज के दिन भाई को दे कर उसकी तिजोरी में रखवा दें उसके उपरांत भाई को टीका कर राखी बांधकर मुंह मीठा कर आएं इससे भाई ऋण के कष्टों से मुक्त होगा
ऋण मुक्ति का दूसरा उपाय जो आज के दिन बहन करे –
रक्षाबंधन के दिन एक रुमाल 5 गुलाब के फूल एक चांद का टुकड़ा थोड़े से चावल तथा थोड़ा सा गुड ले फिर किसी लक्ष्मीनारायण जी के मंदिर में जाकर मूर्ति के सामने रुमाल रखकर विशेष वस्तुओं को हाथ में लेकर 21 बार गायत्री मंत्र का पाठ करते हुए बारी-बारी इन वस्तुओं को उस में डालते रहें फिर इनको इकट्ठा करके कहें कि मेरे भाई की परेशानियां दूर हो। जाएं तथा कर्जा उतर जाएं यह क्रिया करने के उपरांत भाई को रक्षा सूत्र बांधने से कर्जा जल्दी उतर जाएगा तथा परेशानियां भी दूर हो जाएगी।
भाई के जीवन में सुख-समृद्धि लेन के लिए बहन ये करे –
स्थाई सुख-समृद्धि हेतु पीपल के वृक्ष की छाया में खड़े रहकर लोहे के बर्तन में जल चीनी जी तथा दूध मिलाकर पीपल के वृक्ष की जड़ में डालते हुए मंत्र मंत्रश्ॐमणिपदमेहूम्श्जाप करें और घर जाकर भाई को राखी बांध कर प्यार से भोजन कराएँ तो लम्बे समय तक सुख-समृद्धि रहतीहै और लक्ष्मी का वास होताहै।
भाई को धन हानि हो रही हो तो बहन करे ये काम –
आज के दिन प्रातः काल मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़ककर गुलाल पर शुद्ध घी का दो मुझे तो मुख वाला दीपक जलाएं दीपक जलाते समय मन ही मन यह कामना करनी चाहिए कि भविष्य में भाई को धन हानि का सामना ना करना पड़े जब दीपक शांत हो जाए तो उसे बहते हुए पानी में बहा दें उसके बाद वापस आकर उसे गुलाल से भाई का तिलक कर राखी बांधे तो भाई को धन हानि नहीं होगी..
भाई को उन्नति में बाधा आरही हो तो बहन ये करे –
पक्की हुई मिट्टी के घड़े को लाल रंग से रंग कर उसके मुख पर मौली बांधकर बांधकर तथा उसमें जटआयुक्त नारियल रखकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें और बचा हुआ मौली भाई की कलाई में बांध दें
भाई के जीवन में शत्रुता समाप्त करने के लिए बहन येकरे –
उन्नति से ईर्ष्या ग्रस्त होकर कुछ लोग भाई के शत्रु बन गए हो और उसे सहयोग देने के स्थान पर रही उसकी उन्नति के मार्ग को अवरुद्ध करने लग जाते हैं ऐसी शत्रुओं से निपटना अत्यधिक कठिन होता है ऐसी ही परिस्थितियों में से निपटने के लिए बहन आज के दिन प्रातः काल सातबारा हनुमान बाण का पाठ करें तथा हनुमान जी को लड्डू का भोग लगाएं और 5 लोग पूजा स्थान में देसी कपूर के साथ जलाएं फिर भस्म से भाई को तिलक करके हनुमान जी का प्रसाद खिलाए तथा राखी बांधे तो भाई के जीवन से शत्रुओं की समाप्ति होगी
भाई की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए बहन ये करे –
एक थैली में साथ मूंग 10 ग्राम साबुत धनिया एक पंचमुखी रुद्राक्ष एक चांदी का रुपया दो सुपारी दो हल्दी की गांठ रखकर दाहिने मुख के गणेशजी को शुद्ध घी के मोदक का भोग लगाएं फिर यह थैली भाई को देखकर भाई का तिलक कर राखी बांधे और उस थैली को भाई की तिजोरी या कैश बॉक्स में रख दें आर्थिक स्थिति में शीघ्र सुधार आएगा 1 साल बाद राखी के दिन नहीं थैली बनाकर बदलते रहे
दुर्भाग्य भाई का पीछा ना छोड़ रहा हो तो बहन ये करे –
सरसों के तेल में सी के गेहूं के आटे व पुराने गुड़ से तैयार साथ पूरे साथ मदार आंख के पुष्प सिंदूर आटे से तैयार सरसों के तेल का रुई की बत्ती से जलता दीपक पत्तल या अरंडी के पत्ते पर रखकर आज के दिन सूर्योदय में किसी चौराहे पर रख दें और कहें हे मेरे भाई के दुर्भाग्य तुझे यह छोड़े जा रहे हैं कृपा करके मेरा पीछा ना कर ना सामान रखकर पीछे मुड़कर न देखें और उसके बाद घर वापस आकर स्नान कर नवीन वस्त्र धारण कर सामान भाई को तिलक लगाकर राखी बांधे तो भाई के जीवन से दुर्भाग्य दूर चला जाएगा
भाई के जीवन में भाग्य की बाधा को दूर करने के लिए बहन ये करे –
आज के दिन पीला त्रिकोण आकृति के पत्ता का विष्णु मंदिर में ऊंचाई वाले स्थान पर इस प्रकार लगाएं कि वह लहराता हुआ रहे तथा उसी मंदिर में मौली गुलाल और प्रसाद से रक्षाबंधन मनाए तो भाई का भाग्य चमक उठेगा
भाई को प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता दिलाने के लिए बहन ये करे –
आज के दिन प्रातः काल पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं तथा भाई की सफलता की कामना करें और घर से बाहर शुद्ध के शुद्ध केसर से स्वस्तिक बनाकर उस पर पीले पुष्प और अक्षत चढ़ाएं उसके उपरांत उसी केसर का थोड़ा भाग लेकर भाई को तिलक करें और पीले रंग का सूट बांधे तो भाई को सफलता जरूर मिलेगी
भाई के स्वास्थ्य लाभ के लिए बहन ये करे –
आज के दिन स्नान करने के बाद घर के पूजा स्थान में घी का दीप जलाएं मां लक्ष्मी को मिश्री और खीर का भोग लगाना है उसके उपरांत लक्ष्मी जी को राखी अर्पित कर इसके बाद मां लक्ष्मी के ‘ॐश्रींश्रीयेनम:’ मंत्र का 108 बार जाप करें मंत्र जाप के बाद उसी राखी को भाई की कलाई में बांधकर उसी भोग का एक भाग भाई को खिलाएं और दूसरा भाग सफेद गांव को खिला दें इससे भाई को रोग से राहत मिलेगी