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1. ईशान दिशा में शौचालय होना अनिष्ठ माना जाता है. जो संतति और समृध्दि को नष्ट कर देता है साथ ही विचारों में वैमनस्य देता है
2. उत्तर और ईशान तरफ़ कम जगह छोडकर या उसकी सरहद से भवन का निर्माण काम करने में आया होतो यह गृहिणी के स्वास्थ्य हेतु शुभ नही है.
3. ईशान दिशा में रसोइँ घर हो तो गृहक्लेश होता है. इस के कारण परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर खाना भी नही खा सकते है.
4. ईशान दिशा में गंदी हो, कचरा पडा हो तो अच्छे आरोग्य के लिए शुभ नही है. संतानोत्पत्ति के लीये भी बाधा रुप है.
5. गृह की ईशान दिशा में दोष हो तो नैऋत्य दिशा भी दू:षित बनती है.
ईशान दिशा के वास्तुदोष निवारण के उपाय :
– घर की ईशान दिशा स्वच्छ एवं पवित्र रखे.
– घर की ईशान दिशा स्वच्छ एवं पवित्र रखे.
– ईशान दिशा में अंधेरा हो तो नियोन लेम्प लगाकर प्रकाशित करे.
– भवन के मुख्य द्वार पर रुद्रतोरण लगाये.
– धर में शिवपूजा और उपासना करे.
– भवन के स्वामी को सोमवार का व्रत करना चाहिये.
– इष्ठ देवी-देवता के फ़ोटो ईशान दिशा में स्थापित करे और उनकी पाठ-पूजा करे.
– मानव जीवन के लीये उपयोगी जैसे सूर्य के पवित्र किरण ईशान कोण से घर में प्रवेश करते है. जो जोडो के दर्द, पक्षघात और स्नायुओ की तकलीफ़ो में राहत देते है. सूर्योदय के समय यह किरणे सीधे घर में प्रवेश करे यह जरुरी है. अत: ईशान दिशा स्वच्छ एवं खुली रखे.
– ईशान दिशा में तुलसी का पौधा रखे जिस से उसकी पवित्रता के कारण इस दिशा के दोष का दुष्प्रभाव कम हो जाता है.