सीमन्तोन्नयन संस्कार
तीसरा संस्कार ‘सीमन्तोन्नयन’ है। गर्भिणी स्त्री के मन को सन्तुष्ट और अरोग रखने तथा गर्भ की स्थिति को स्थायी एवं उत्तरोत्तर उत्कृष्ट बनते जाने की शुभाकांक्षा-सहित यह संस्कार किया जाता है। समय-पुंसवन वत् प्रथमगर्भे षष्ठेऽष्टमेवा मासे अर्थात् प्रथम गर्भ स्थिति से 6 ठे या आठवें महीने यह संस्कार किया जाता है। कोई इसे प्रथम गर्भ का ही संस्कार मानते हैं, कोई इसे अन्य गर्भों में कर्तव्य मानते हैं, परन्तु उनके मत में 6 ठे या 8 वें महीने का नियम नहीं है। ‘सीमन्तोन्नयन’ शब्द का अर्थ है ‘स्त्रियों के सिर...


