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07 अक्टूबर 2019 का राशिफल: मिथुन राशि वालों का आर्थिक पक्ष मजबूत होगा, लेकिन दुर्घटना से बचें

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शुभ संवत 2076 शक 1941 …

  • सूर्य दक्षिणायन का …आश्विन मास शुक्ल पक्ष…. नवमी … दोपहर को 12 बजकर 38 मिनट तक … सोमवार…. उत्तरा आषाढ़ नक्षत्र.. शाम को 05 बजकर 25 मिनट तक … आज चन्द्रमा … मकर राशि में… आज का राहुकाल दिन को 07 बजकर 26 मिनट से 08 बजकर 54 मिनट तक होगा …

लौकिक और परलौकिक शक्तियों की प्राप्ति की प्राप्ति हेतु करें मां सिद्धिदात्री की पूजा –

या देवी सर्वभू‍तेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

नवरात्रि की नवमी तिथि को मां दुर्गा के नवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है. देवी पुराण के मुताबिक सिद्धिदात्री की उपासना करने के बाद ही शिव जी ने सिद्धियों की प्राप्ति की थी. माना जाता है कि देवी सिद्धिदात्री की आराधना करने से लौकिक और परलौकिक शक्तियों की प्राप्ति होती है.

मां सिद्धिदात्रि का स्वरुप

हिन्दू धर्म के पुराणों में बताया गया है कि देवी सिद्धिदात्री के चार हाथ है जिनमें वह शंख, गदा, कमल का फूल तथा चक्र धारण करे रहती हैं. यह कमल पर विराजमान रहती हैं. इनके गले में सफेद फूलों की माला और माथे पर तेज रहता है. इनका वाहन सिंह है. देवीपुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण में देवी की शक्तियों और महिमाओं का बखान किया गया है.

देवी सिद्धिदात्री का पूजन-

– देवी दुर्गा या मां सिद्धिदात्री को लाल वस्त्र पर पूर्व दिशा की तरफ स्थापित करें.

– मां सिद्धिदात्री के सामने घी का दीपक जलाएं.

– कमल या लाल गुलाब के 9 फूल अर्पण करें.

– मां को भोग लगाने के लिए 9 तरीके का प्रसाद भी रखें.

– एक लाल या पीले आसन पर बैठकर ॐ सिद्धिदात्रये नमः मंत्र का 108 बार पाठ करें.

– जाप के बाद अपने मनोवांछित कार्य को बोलते हुए मां को अर्पण किए गए 9 फूल लाल वस्त्र में लपेटकर रखें.

– मां सिद्धिदात्री की कृपा से आपके हर कार्य में सफलता निश्चित है.

देवी का पूजन करते समय इन बातों का रखें ध्यान-

– देवी सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना में काले नीले रंग के वस्त्र का प्रयोग ना करें.

– पूजा पाठ के दौरान मन में दूषित विचार ना आने दें.

देवी सिद्धिदात्री की विशेष पूजा दिलाएगी रुका हुआ धन-

– देवी सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना से सर्व कार्य सिद्ध किए जा सकते हैं. इसके अलावा सातों चक्रों के साथ-साथ नवग्रहों भी को नियंत्रित किया जा सकता है.

– देवी सिद्धिदात्री के सामने गाय के घी का दीया जलाएं और उन्हें शुद्ध सिंदूर अर्पण करें.

– एक लाल आसन पर बैठकर निम्न मंत्र का जाप करें.

देवी सर्वभूतेषु सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता

नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमो नमः

– जाप के बाद देवी सिद्धिदात्री को अर्पण किए गए सिंदूर का तिलक करें. जब भी बाहर जाएं तिलक करके ही जाएं.

रात्रि का महाउपाय देगा अज्ञात भय से मुक्ति-

– नवरात्रि के नौवें दिन देवी सिद्धिदात्री के समक्ष नवग्रह समिधा से हवन करने से नवरात्रि का पूर्ण फल मिलता है.

– देवी सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना करने से शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है.

– एक पान के पत्ते पर 9 साबुत फूलदार लौंग के साथ देसी कपूर पर रखें और 9 लाल गुलाब के फूलों के साथ देवी को अर्पण करके अपने अज्ञात भय को खत्म करने की प्रार्थना करें.

– ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे मंत्र का 108 बार लाल आसन पर बैठकर जाप करें.

– जाप के बाद लौंग को सिर से उल्टा 7 बार वारकर देसी कपूर में जलाएं.

– ऐसा करने से आपका अज्ञात भय दूर होगा और देवी सिद्धिदात्री की कृपा मिलेगी.

मां सिद्धिदात्री की मिलेगी विशेष कृपा-

– नवमी के दिन माता को कमल का फूल अर्पित करें.

– इससे माता की विशेष कृपा प्राप्त होगी.

मां सिद्धिदात्री को लगाएं उनका पसंदीदा भोग –

नवमी तिथि पर मां को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाएं जैसे- हलवा, चना-पूरी, खीर और पुए और फिर उसे गरीबों को दान करें. इससे जीवन में हर सुख-शांति मिलती है.

लौकिक और परलौकिक शक्तियों की प्राप्ति के लिए करें राशि अनुसार उपाय

मेष राशि –

         

मेष राशि के जातक आज मां सिद्धिदात्री की पूजा और मंत्र ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः करते समय नौ की संख्या में कमलगटटापान के पत्ते और एकाक्षी नारियल मां को अर्पित करेंलाल वस्त्र तथा मां को चरणपादुका भी अर्पित करें।

वृषभ राशि –

मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए वृष राशि के जातक कन्याओं को भोजन कराने के बाद उन्हें मीठा खिलाएं, लाल चुड़िया और लाल रंग का बटुआ नौ सिक्के डाल कर दें।

मिथुन राशि –

मिथुन राशि के जातक कन्याओं को भोजन कराएं और उनकी मनपसंद मिल्क से बनी मिठाई तथा लिखाई की सामग्री भेंट करें। साथ ही मां को हरी चमकीली चुनरी तथा मूंग से बनी मिठाई चरणों में अर्पित कर मंत्र का जाप करें।

कर्क राशि –

कर्क राशि के जातक पूजा करते समय मां सिद्धिदात्री को पीले वस्त्र, पीले पुष्प तथा मीठे पके रसीले फल अर्पित करें।

सिंह राशि –

सिंह राशि के जातक मां सिद्धिदात्री को चने और हलवे का भोग लगाएं और इसे गरीब बच्चों में वितरित कर दें।

कन्या राशि –

कन्या राशि के जातक पूजा करते समय मां सिद्धिदात्री को सुहाग की सामग्री तथा हरी चुड़िया अर्पित करें और मां को नारियल का भोग लगाएं।

तुला राशि –

तुला राशि के जातक का पाठ करें और छोटी कन्याओं को भोजन कराकर उन्हें उपहार में पाठ्य सामग्री तथा लेखन सामग्री दें।

वृश्चिक राशि –

वृश्चिक राशि के जातक मां के समक्ष ज्योत प्रज्वलित करें और इसके बाद घर की सभी जगहों पर गंगाजल छिड़कें उसके उपरांत मंत्र ऊॅं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमो नमः का जाप करते हुए माता को पंजीरी का भोग लगाते हुए नारंगी रंग की चुनरी तथा मूंगे की माला अर्पित करें।

धनु राशि –

धनु राशि के जातक कन्याओं को भोजन कराकर उन्हें बालो को सजावट की सामग्री तथा सुगंधित सामग्री प्रदान करें।

मकर राशि –

मकर राशि के जातक मां सिद्धिदात्री के मंत्र ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम: का पाठ करें और कन्याओं तथा ब्राह्मणों को भोजन कराएं तथा सामथ्र्य अनुसार मोती का दान करें।

कुंभ राशि –

कुंभ राशि के जातक मां को हलवे का भोग लगाएं और इस प्रसाद को घर के सभी सदस्यों में वितरित करें, बुजूर्ग महिला सदस्य को वस्त्र तथा शाल भेट करें।

मीन राशि –

मीन राशि के जातक आज मंत्र ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः का पाठ करें और मां के चित्र पर लाल चंदन लगाकर मोतीचूर के लड्डू प्रसाद में वितरित करें।