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बच्चों की दोस्ती से कैरियर पर आती बाधा

बच्चों की दोस्ती से कैरियर पर आती बाधा का कारण और निवारण - भारतीय ज्योतिष शास्त्र में जिस प्रकार ग्रहों में आपस में मित्रता-श्षत्रुता तथा समता होती है, उसी का असर जीवन में दोस्तो या साथियों तथा उसके लाभ तथा हानि से होता है। जिस प्रकार जीवन साथी के चयन में गुण मेलापक को महत्व दिया जाता है, उसी के अनुरूप कैरियर या षिक्षा के दौरान दोस्त या सहपाठियों में गुण-दोषों का मिलान कर जीवन में कैरियर या अध्ययन के प्रयास में सफलता तथा दोस्तों के गुण-दोष से लाभ या...
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आपको नौकरी करनी चाहिए या व्यापार

कैरियर का क्षेत्र और आय के साधन संबंधी ज्योतिष विवेचन - शिक्षा पूर्ण करते ही हर व्यक्ति की प्राथमिक आवश्यकता होती है धन कमाना। किंतु कई बार व्यक्ति असमंजस में होता है कि उसे नौकरी करनी चाहिए या व्यापार। कई बार व्यक्ति नौकरी में असफल या शिक्षा में असफल होने पर व्यापार करना चाहता है। किंतु कभी भी किसी प्रकार का व्यापार करने से पूर्व अपनी जन्म कुंडली की विवेचना कर कर यह जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए कि उसे कौन सा व्यापार लाभ देगा। इसके अतिरिक्त यह भी देख...
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नौकरी में परिवर्तन तथा स्थाईत्व

नौकरी में परिवर्तन तथा स्थाईत्व - सभी व्यक्ति की दिली तमन्ना होती है कि उसे अच्छी तथा स्थाई नौकरी प्राप्त हो। किंतु कई बार योग्यता तथा प्रयास के बावजूद नौकरी मनचाही नहीं मिल पाती, जिसके कारण उत्पन्न असंतुष्टि से नौकरी बदलने की स्थिति बनती है तो कई बार बिना किसी कारण के नौकरी छूट जाती है, इस प्रकार कई कारणों से नौकरी में स्थाईत्व की कमी दिखाई देती है। नौकरी में बार-बार बदलाव तथा अस्थाईत्व का कारण जातक की कुंडली में उसके तृतीय भाव या भावेष का संबंध छः, आठ,...
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कारोबार में असफलता

कारोबार में असफलता  - व्यक्ति के जीवन में कई बार कारोबार में आकस्मिक हानि प्राप्त होती है साथ ही कई बार योग्यता तथा सामथ्र्य होने के बावजूद कारोबार में वह सफलता प्राप्त नहीं होती, जिसकी चाहत होती है। इस प्रकार का कारण ज्योतिषषास्त्र द्वारा किया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ, अष्टम, नवम भाव में से किसी भाव में राहु के होने पर जातक के जीवन में आकस्मिक हानि का योग बनता है। अगर राहु के साथ सूर्य, शनि के होने पर यह...
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आप क्यों चिंतित या तनाव में रहते हैं

आप क्यों चिंतित या तनाव में रहते हैं - आधुनिक भागदौड़ के इस जीवन में प्रायः सभी व्यक्तियों को चिंता सताती रहती है। हर आयुवर्ग तथा हर प्रकार के क्षेत्र से संबंधित अपनी-अपनी चिंता होती हैं। चिंता को भले ही हम आज रोग ना माने किंतु इसके कारण कई प्रकार के लक्षण ऐसे दिखाई देते हैं जोकि सामान्य रोग को प्रदर्षित करते हैं। अगर यह चिंता कारण विषेष या समय विषेष पर हो तो चिंता की बात नहीं होती किंतु कई बार व्यक्ति चिंता करने का आदि होता है, जिसके...
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क्या आपको शेयर या स्टाॅक से धन लाभ या हानि होगा-

वर्तमान युग में जल्दी अमीर बनने तथा समृद्धि पाने की चाह कई व्यक्ति को होती है, इसके लिए कई बार व्यक्ति लाटरी, शेयर या स्टाॅक से संबंधित क्षेत्र में धन लाभ हेतु प्रयास करता है किंतु कई बार दूसरों की देखादेखी यह प्रयास उसके लिए हानिकारक साबित होता है। जहाॅ किसी व्यक्ति को शेयर से लाभ होता है वहीं किसी व्यक्ति को बहुत ज्यादा हानि भी उठानी पड़ती है। इसका कारण जातक की कुंडली से जाना जा सकता है। अतः कोई व्यक्ति अपनी कुंडली की ग्रह स्थितियों के अनुरूप आचरण...
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कैसा होगा आपका जीवन साथी

विवाह योग्य प्रत्येक कन्या के मन में एक बार यह प्रष्न अवष्य जाग्रत होता है कि उसका भावी वर कैसा होगा, क्या करता होगा, कहाॅ से होगा तथा किस स्थिति का होगा तथा उसके साथ व्यवहार कैसा होगा। यह सारी बातें उस कन्या की कुंडली के सप्तम भाव, सप्तमेष तथा सप्तमस्त ग्रह तथा नवांष के अध्ययन से मूलभूत जानकारी प्राप्त की जा सकती है। सप्तमभाव या सप्तमेष का किसी से भी प्रकार से मंगल, शनि या केतु से संबंध होने पर विवाह में बाधा, वैवाहिक सुख में कमी का कारण...
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नक्षत्र से जाने आप का दिन शुभ होगा या अषुभ

नक्षत्र से जाने आप का दिन शुभ होगा या अषुभ - नक्षत्र संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ है न क्षरति न सरति इति नक्षत्रः अर्थात् न हिलने वाला न चलने वाला, जो स्थिर हों, ग्रहों एवं नक्षत्रों में यहीं प्रमुख भेद है कि ग्रह तो भ्रमणषील हैं किंतु नक्षत्र स्थिर। भारतीय ज्योतिष में राषि-पथ एक स्थिर नक्षत्र से प्रारंभ होता है इसलिए नक्षत्रवृत कहलाता है। राषिपथ एक अंडाकार वृत जैसा है जोकि 360 डिग्री का है। इन 360 अंषों को 12 समान भागों में बांटा गया है और प्रत्येक...
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