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Colour Therapy as Remedial Measure   Colour Therapy as Remedial Measure Diseases like Constipation, depression, heart or blood problem can be controlled / cured by using colour therapy as remedial measure. Orange color • Orange color can be considered as power of energy. It is also considered as a color of peace. • Children who do not share their views with others they do not like orange color. • If child does not talk openly, he has gas problem or energy is less or they may have depression or they...
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कालसर्प दोष कालसर्प दोष का ज्योतिषीय यर्थाथ - ज्योतिषीय आधार पर कालसर्प दो शब्दों से मिलकर बना है ‘‘काल’’ और ‘‘सर्प’’ । काल का अर्थ समय और सर्प का अर्थ सांप अर्थात् समय रूपी सांप। ज्योतिषीय मान्यता है कि जब सभी ग्रह राहु एवं केतु के मध्य आ जाते हैं या एक ओर हो जाते हैं तो कालसर्प येाग बनता है। मान्यता है कि जिस जातक की कुंडली में कालसर्प दोष बनता है, उसके जीवन में काफी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। कालसर्प योग में सभी ग्रह अर्धवृत्त के...
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निरंतर बदलाव हेतु प्रयास - केतु की दषा निरंतर बदलाव हेतु प्रयास - केतु की दषा - निरंतर चलायमान रहने अर्थात् किसी जातक को अपने जीवन में निरंतर उन्नति करने हेतु प्रेरित करने तथा बदलाव हेतु तैयार तथा प्रयासरत रहने हेतु जो ग्रह सबसे ज्यादा प्रभाव डालता है, उसमें एक महत्वपूर्ण ग्रह है केतु। ज्योतिष शास्त्र में राहु की ही भांति केतु भी एक छायाग्रह है तथा यह अग्नितत्व का प्रतिनिधित्व करता है। इसका स्वभाग मंगल ग्रह की तरह प्रबल और क्रूर माना जाता है। केतु ग्रह विषेषकर आध्यात्म, पराषक्ति,...
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कृष्ण जन्माष्टमी –

कृष्ण जन्माष्टमी   भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि में भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में श्री विष्णु की सोलह कलाओं से पूर्ण अवतरित हुए थे। श्री कृष्ण का प्राकट्य आततायी कंस एवं संसार से अधर्म का नाष करने हेतु हुआ था। भविष्योत्तर पुराण में कृष्ण ने स्वयं युधिष्ठिर से कहा कि मैं वासुदेव एवं देवकी से भाद्रपक्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी को उत्पन्न हुआ जबकि सूर्य सिंह राषि में एवं चंद्रमा वृषभ राषि में था और नक्षत्र रोहिणी था। जन्माष्टमी के व्रत तिथि दो प्रकार की हो सकती...
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माॅ दुर्गाजी की आठवीं शक्ति “माॅ महागौरी”

माॅ दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी हैं। इनका वर्ण पूर्णतः गौर हैं। इस गौर वर्ण की उपमा स्वर्ण, चंद्र और कुंद के फूल से की गई है। इनकी आयु आठ वर्ष की मानी गई है। इनके समस्त वस्त्र, एवं आभूषण आदि श्वेत हैं। इनका वाहन वृषभ है, जिसका रंग भी श्वेत है। इनकी चार भुजाएॅ हैं दाहिने भुजा के उपर वाली भुजा में अभयमुद्रा नीचे में डमरू बायीं भुजा के उपर वाली भुजा में त्रिषूल और नीचे वरमुद्रा है। मुद्रा अत्यंत शांत व मनोहारी है। महाकाली के रूप...
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माॅ दुर्गा की सातवीं शक्ति “माॅ कालरात्रि “

माॅ दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं। इनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं। गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है। इनके तीन नेत्र हैं। ये तीनों नेत्र ब्रम्हाण्ड के सदृष गोल हैं। इनके विद्युत के समान चमकीली किरणें निःसृत होती रहती हैं। इनकी नासिका के श्वास-प्रष्वास से अग्नि की भयंकर ज्वालाएॅ निकलती रहती हैं। इनका वाहन गर्दभ अर्थात् गदहा है। इनकी चार भुजाओं में से दाहिने ओर के उपर की भुजा में...
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माॅ दुर्गा के छठवें स्वरूप “माॅ कात्यायनी”

माॅ दुर्गा के छठवें स्वरूप का नाम कात्यायनी देवी हैं। मान्यता है कि जब दानव महिषासुर का अत्याचार बहुत बढ़ गया तब भगवान ब्रम्हा, विष्णु और महेष तीनों ने अपने-अपने तेज का अंष देकर महिषासुर के विनाष के लिए एक देवी को उत्पन्न किया। महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की इसी कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ा। माॅ कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं। भगवान कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए व्रत की गोपियों ने इन्हीं की पूजा कालिन्दी-यमुना के तट पर की थी। ये व्रत मंडल की अधिष्ठात्री देवी...
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