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मकान सुख की प्राप्ति का ज्योतिषीय विवेचन - मकान सुख की प्राप्ति का ज्योतिषीय विवेचन - व्यक्ति के जीवन पुरुषार्थ, पराक्रम एवं अस्तित्व की पहचान उसका निजी मकान है... महंगाई और आबादी के अनुरूप हर व्यक्ति को मकान मिले यह संभव नहीं है...घर का सुख देखने के लिए मुख्यतः चतुर्थ स्थान को देखा जाता है... फिर गुरु, शुक्र और चंद्र के बलाबल का विचार प्रमुखता से किया जाता है। जब-जब मूल राशि स्वामी या चंद्रमा से गुरु, शुक्र या चतुर्थ स्थान के स्वामी का शुभ योग होता है, तब घर...
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शीघ्र उन्नतिकारक पूजा - शालिग्राम की पूजा शीघ्र उन्नतिकारक पूजा - शालिग्राम की पूजा सात्विक आचार, विचार और आहार वाले लोगों के लिए शालिग्राम की पूजा, अर्चना अधिक सिद्धिदायक होती है... भगवान विष्णु की भक्ति करने वाले लोगों के लिए शालिग्राम शीघ्र उन्नतिकारक एवं शुभफलदायक होता है... शालिग्राम की पूजा में तुलसी पत्रों की विशेष भूमिका होती है... जैसे शिवलिंग पर जलाभिषेक के साथ मात्र बिल्वपत्र चढ़ाने से शिव प्रसन्न होते हैं उसी भांति यदि कोई व्यक्ति नित्य जलाभिषेक करके शालिग्राम पर मात्र तुलसी पत्र अर्पण करता है तो इसी...
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केजरीवाल अभी कायम हैं केजरीवाल अभी कायम हैं गत कुछ वर्षों में भारतीय राजनीति में किसी बड़ी क्रांति की तरफ देखते हैं तो वह क्रांति है आरटीआई का कानून। इसे पारित करवाने वाले थे अरविंद केजरीवाल। जो केजरीवाल आप पार्टी के सर्वेसर्वा माने जाते थे उनका अपनी पार्टी में ही विरोध होने लगा। एक बार तो विरोधियों को लगा होगा कि केजरीवाल खत्म। परंतु ज्योतिष ऐसा नहीं कहता। अरविंद केजरीवाल की राशि और लग्न दोनों वृषभ है। वर्तमान में गुरू की महादशा में शुक्र का अंतर १ मार्च को समाप्त...
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कैसे करें अपनी योग्यता का पूर्ण उपयोग - कैसे करें अपनी योग्यता का पूर्ण उपयोग - श्री गणेश का नाम लिया तो बाधा आस-पास फटक नहीं सकती, ऐसा देवों का वरदान है। कहा जाता है कि ऊॅ का वास्तिविक रूप ही गणेश जी का रूप है... जब किसी बालक का व्यवहार लापरवाह भरा हो तो उसके तीसरे एवं छइवें स्थान का विवचन करना चाहिए, क्योंकि इन स्थानों के स्वामी बुध ग्रह हैं यदि ये स्थान दुषित हों तो उसे गणपति की पूजा करनी चाहिए क्योंकि हिंदू धर्म के अंदर अक्षरों...
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कर्म का भोग ही है जन्म - कर्म का भोग ही है जन्म - ‘‘कथम उत्पद्यते मातुः जठरे नरकागता गर्भाधि दुखं यथा भुंक्ते तन्मे कथय केषव’’ गरूड पुराण में उक्त पंक्तियाॅ लिखी हैं, जिससे साबित होता है कि गर्भस्थ षिषु के ऊपर भी ग्रहों का प्रभाव शुरू हो जाता है... गर्भ के पूर्व कर्मो के प्रभाव से माता-पिता तथा बंधुजन तथा परिवार तय होते हैं... इसी लिए कहा जाता है कि शुचिनाम श्रीमतां गेहे योग भ्रष्ट प्रजायते अर्थात् जो परम् भाग्यषाली हैं वे श्रीमंतो के घर में जन्म लेते हैं......
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पुष्य नक्षत्र का माघ पूर्णिमा देगा सभी सूर्य-चंद्रमा के कष्टों से निवृत्ति- पुष्य नक्षत्र का माघ पूर्णिमा देगा सभी सूर्य-चंद्रमा के कष्टों से निवृत्ति- माघ मास की पूर्णिमा को गंगा स्नान करने से मनुष्य का तन-मन पवित्र हो जाता है.. माघी पूर्णिमा में किसी नदी, सरोवर, कुण्ड अथवा जलाशय में सूर्य के उदित होने से पहले स्नान करने मात्र से ही पाप धुल जाते हैं और हृदय शुद्ध होता है... शास्त्रों में भी कहा गया है कि व्रत, दान और तप से भगवान विष्णु को उतनी प्रसन्नता नहीं होती, जितनी...
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कैसे पायें जगत में ख्याति - कैसे पायें जगत में ख्याति - किसी व्यक्ति के अस्तित्व का महत्वपूर्ण पहलू उसका क्रियाकलाप होता है.. कोई धन, सुख का अभिलाषी होता है तो कोई दुनिया में अपना नाम रोषन करना चाहता है... दुनिया में विख्यात होने के लिए मेहनत के साथ कुछ ज्योतिषीय योग होने जरूरी होते हैं, जिनके आधार पर कई बार व्यक्ति अर्ष से फर्ष तक पहुॅच जाता है तो कई बार बिना कुछ बुरा किए सब गवा भी देता है... दसम भाव कर्म स्थान होता है। जिसका मुख्य रुप...
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आस्था और अन्धविश्वास का ज्योतिषीय नजरिया.... आस्था और अन्धविश्वास का ज्योतिषीय नजरिया.... भगवान की कृपा के कारण ही सब अपनी जगह पर अडिग है। अब आप इसे शिव की कृपा मानें या जो भी हो इन सभी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। किन्तु हमारे देश में आस्था जीवन का आधार है...इस के द्वारा न केवल गाँव के अनपढ बल्कि उच्च शिक्षित लोग जो अपने आप को नास्तिक बताते हैं वे भी आस्था और अन्धविश्वास में विष्वास करते दीखते है....ये देखने में तो बहुत ही सामान्य बात लगती है...
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प्रदूषण से प्रभावित स्वास्थ्यः ज्योतिषीय कारक- प्रदूषण से प्रभावित स्वास्थ्यः ज्योतिषीय कारक- सभी प्रमुख न्यूज पेपर की यह हेडलाईन थी... ‘‘दिल्ली में तीन दिनों तक रहने के कारण राष्ट्रपति बराक ओबामा के जिंदगी के छह घंटे कम हो गए’’.. दिल्ली में वायु प्रदूषण का उल्लेख करते हुए अमेरिकी मीडिया की एक रिपोर्ट आई है... इसमें कहा गया है कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा है और इसका असर ओबामा की सेहत पर पड़ सकता...यह भी सच है कि प्रदूषण से उतनी ही हानि होती है... जितनी की एक...
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बराक ओबामा का गणतंत्र दिवस पर आगमन के महत्व पर ज्योतिषीय नजर... बराक ओबामा का गणतंत्र दिवस पर आगमन के महत्व पर ज्योतिषीय नजर... गणतंत्र दिवस के अवसर पर बराक ओबामा का आगमन इस देष की फिजा को कितना बदलेगा...इसकी ज्योतिषीय गणना क्या कहती है....गणतंत्र दिवस न सिर्फ हिन्दुस्तान की शांति, विनम्रता द्वारा शक्ति का अभिनंदन है... बल्कि यह उसकी मजबूत सामरिक सैन्य शक्ति का उद्घोष भी है... जो हर भारतीय के सीने को गर्व से भरता है... बदलते राजनयिक वक्त में देखें तो आज की कुंडली के अनुसार जब...
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भाग्य या कर्म कौन बलि????? भाग्य या कर्म कौन बलि????? भारतीय मान्यता है कि इंसान के 12 वर्ष अर्थात् कालपुरूष के भाग्य के एक चक्र के पूरा होने के उपरांत क्रियामाण का दौर शुरू हो जाता है जोकि जीवन के अंत तक चलता है। अब व्यक्ति की षिक्षा उसकी रूचि सामाजिक स्थिति पारिवारिक तथा निजी परिस्थिति पसंद नापसंद, प्रयास तथा उसमें सकाकरात्मक या नाकारात्मक सोच से व्यक्ति का क्रियामाण उसके जीवन को प्रतिकूल या अनुकूल स्थिति हेतु प्रभावित करता है अतः पुरूषार्थ या क्रियामाण कर्म ही संचित होकर प्रारब्ध बनता...
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क्यों महत्वपूर्ण है ग्रह दषाओं का विष्लेषण - क्यों महत्वपूर्ण है ग्रह दषाओं का विष्लेषण - किसी भी जातक के जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अलावा उसके ग्रह दषाओं के अनुरूप उसका व्यवहार तथा कर्म निर्धारित होता है... जिसके कारण कुंडली के विष्लेषण के समय उस जातक के ग्रह दषाओं का असर उसके जीवन मे महत्वपूर्ण होता है... चूॅकि इंसान के जीवन में ग्रहो का प्रभाव विषेष प्रभाव शाली होता है अतः उसके प्रष्न के समय चलित दषाओं के अनुरूप लाभ या हानि दृष्टि गोचर होती है... ऐसी...
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अपनी असफलता के करण तनाव : ज्योतिष उपाय   वर्तमान युग की आरामदायी जीवनषैली तथा भौतिकतावादी वस्तुओं की भरमार के बीच उच्च प्रतिस्पर्धी और असुरक्षित जीवन को सुरक्षा तथा सुविधा संपन्न बनाने के प्रयास में अपने कैरियर को उच्च दिषा तथा दषा देने के फेर में कई बार बहुत बुद्धिमान तथा योग्य व्यक्ति भी स्वयं असंतुष्ट होकर तनाव में आ जाते हैं तथा कई बार यह तनाव अवसाद की स्थिति भी निर्मित होती है। तनाव या अवसाद की विभिन्न स्थिति को कुंडली के माध्यम से बहुत अच्छी प्रकार विष्लेषित किया...
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कहीं आपका पढाई में मन लगना कम होगया है : ज्योतिष उपाय स्कूल षिक्षा तक बहुत अच्छा प्रदर्षन करने वाला अचानक अपने एजुकेषन में गिरावट ले आता है तथा इससे कैरियर में तो प्रभाव पड़ता ही है साथ ही मनोबल भी प्रभावित होता हैं अतः यदि आपके भी उच्च षिक्षा या कैरियर बनाने की उम्र में पढ़ाई प्रभावित हो रही हो या षिक्षा में गिरावट दिखाई दे रही हो तो सर्वप्रथम व्यवहार तथा अपने दैनिक रूटिन पर नजर डालें। इसमें क्या अंतर आया है, उसका निरीक्षण करने के साथ ही...
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खुद की इच्छा की कैरिअर चुनने का ज्योतिष योग आज के भौतिक युग में प्रत्येक व्यक्ति की एक ही मनोकामना होती है की उसे अच्छा कैरियर प्राप्त हो तथा उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ रहें तथा जीवन में हर संभव सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती रहे। किसी जातक के पास नियमित कैरियर के प्रयास में सफलता तथा आय का साधन कितना तथा कैसा होगा इसकी पूरी जानकारी उस व्यक्ति की कुंडली से जाना जा सकता है। कुंडली में दूसरे स्थान से उच्च षिक्षा तथा धन की स्थिति के संबंध में जानकारी मिलती...
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अंक ज्योतिष (Numerology) भविष्य जानने की एक विधा है. ........... अंक ज्योतिष (Numerology) भविष्य जानने की एक विधा है. ........... अंकशास्त्र में मुख्य रूप से नामांक (Name Number), मूलांक (Root Number) और भाग्यांक (Destiny Number) इन तीन विशेष अंकों को आधार मानकर फलादेश किया जाता है. विवाह के संदर्भ में भी इन्हीं तीन प्रकार के अंकों के बीच सम्बन्ध को देखा जाता है. अंक ज्योतिष (Numerology) भविष्य जानने की एक विधा है. अंक ज्योतिष से ज्योतिष की अन्य विधाओं की तरह भविष्य और सभी प्रकार के ज्योंतिषीय प्रश्नों का उत्तर...
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परीक्षा के डर से उत्पन्न तनाव -   परीक्षा के डर से उत्पन्न तनाव - परीक्षा के समय ज्यादा से ज्यादा अंक लाने की होड़, साथी बच्चों से तुलना, लक्ष्य का पूर्व निर्धारित कर उसके अनुरूप प्रदर्षन तथा इसी प्रकार के कई कारण से परीक्षा के पहले बच्चों के मन में तनाव का कारण बनता है। परीक्षा में अच्छे अंक की प्राप्ति के लिए किया गया तनाव अधिकांषतः नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करता है क्योंकि तनाव के कारण स्मरणषक्ति कम होती है, जिसके कारण पूर्व में तैयार विषय भी याद नहीं...
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विवाद का कारण और निवारण - विवाद का कारण और निवारण - महत्वाकांक्षा ही व्यक्ति से नैतिक-अनैतिक, वैधानिक-अवैधानिक, सामाजिक-असाजिक कार्य कराती है साथ ही किसी विषय पर विवाद, कोई गुनाह, संपत्ति से संबंधित झगड़े इत्यादि का होना आपकी कुंडली में स्पष्ट परिलक्षित होता है। अगर इस प्रकार के कोई प्रकरण न्यायालय तक पहुॅच जाए तो उसमें जय प्राप्त होगी या पराजय का मुॅह देखना पड़ सकता है इसका पूर्ण आकलन ज्योतिष द्वारा किया जाना संभव है। सामान्यतः कोर्ट-कचहरी, शत्रु प्रतिद्वंदी आदि का विचार छठे भाव से किया जाता है। सजा...
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क्यों होती हैं बीमारी जाने ज्योतिष द्वारा - वैदिक दर्शनों में ‘‘यथा पिण्डे तथा ब्रहाण्डे’’ कर सिद्धांत प्रचलित है, जिसके अनुसार सौर जगत में सूर्य और चंद्रमा आदि ग्रहों की विभिन्न गतिविधियों एवं क्रिया कलापों में जोे नियम है वही नियम मानव शरीर पर है। जिस प्रकार परमाणुओं के समूह से ग्रह बनें हैं उसी प्रकार से अनन्त परमाणुओं जिन्हें शरीर विज्ञान की भाषा में कोषिकाएॅ कहते हैं हमारा शरीर निर्मित हुआ है। ग्रह नक्षत्रों तथा शरीर सतत संबंध में हैं उनकी स्थिति तथा परिवर्तन का प्रभाव पड़ता है इसका...
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कुंडली में शनि ग्रह क्या है जानें अक्सर लोग शनि ग्रह का नाम सुनते ही डर जाते हैं, या फिर अगर किसी को कह दिया जाए कि उसकी कुंडली में शनि की साढे साती या ढैय्या चल रही है... तो उसकी हालत खराब दिखाई देती है.... ऐसे में शनि ग्रह से प्रभावित लोगों को डरने की जरुरत नहीं.... अगर आपकी कुंडली में सम्सया है तो उसका समाधान भी साथ ही मौजूद हैं... जरुरत है तो किसी विद्वान ज्योतिषी से सही सलाह लेकर उसके उपाय करने की.... यूं तो शनि ग्रह...
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जाने गायत्री मंत्र की सम्पूर्ण ज्ञान  समस्त विद्याओं की भण्डागार-गायत्री महाशक्ति ॐ र्भूभुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् गायत्री संसार के समस्त ज्ञान-विज्ञान की आदि जननी है । वेदों को समस्त प्रकार की विद्याओं का भण्डार माना जाता है, वे वेद गायत्री की व्याख्या मात्र हैं । गायत्री को 'वेदमाता' कहा गया है । चारों वेद गायत्री के पुत्र हैं । ब्रह्माजी ने अपने एक-एक मुख से गायत्री के एक-एक चरण की व्याख्या करके चार वेदों को प्रकट किया । 'ॐ भूर्भवः स्वः' से-ऋग्वेद, 'तत्सवितुर्वरेण्यं' से-यर्जुवेद,...
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वास्तुनियम से बनाएं अपना घर और सुखी जीवन जियें - उत्तर दिशा जल तत्व की प्रतीक है। इसके स्वामी कुबेर हैं। यह दिशा स्त्रियों के लिए अशुभ तथा अनिष्टकारी होती है। इस दिशा में घर की स्त्रियों के लिए रहने की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए। - उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र अर्थात्‌ ईशान कोण जल का प्रतीक है। इसके अधिपति यम देवता हैं। भवन का यह भाग ब्राह्मणों, बालकों तथा अतिथियों के लिए शुभ होता है। - पूर्वी दिशा अग्नि तत्व का प्रतीक है। इसके अधिपति इंद्रदेव हैं। यह दिशा पुरुषों के शयन...
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राशियों में केतु का प्रभाव प्रत्येक ग्रह परिभ्रमण करते हुए द्वादश राशियों पर विराजमान रहते हैं। मेष से मीन तक। केतु किस राशि पर स्थित है तो क्या प्रभाव देगा, जानिए। मेष : यदि केतु जातक की कुंडली में मेष राशि पर विराजमान है तो भौतिकवादी, धन संग्रह करने वाला, स्वार्थी, लोभी, चंचल बहुभाषी सुखी के साथ जातक के चेहरे पर चेचक के दाग होंगे। वृषभ : वृषभ राशि पर यदि केतु स्थित है, तो जातक तीर्थ में धार्मिक पर्वों में रु‍चि लेने वाला, आलसी, उदार, दानी तथा जातक परोपकारी...
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भयानक दुखदायी योग ?????? केमद्रुम योग!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में बनने वाले विभिन्न प्रकार के अशुभ योगों में से केमद्रुम योग को बहुत अशुभ माना जाता है। केमद्रुम योग की प्रचलित परिभाषा के अनुसार किसी कुंडली में यदि किसी कुंडली में चन्द्रमा के अगले और पिछले दोनों ही घरों में कोई ग्रह न हो तो ऐसी कुंडली में केमद्रुम योग बन जाता है जिसके कारण जातक को निर्धनता अथवा अति निर्धनता, विभिन्न प्रकार के रोगों, मुसीबतों, व्यवसायिक तथा वैवाहिक जीवन में भीषण कठिनाईयों आदि का सामना करना पड़ता...
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::::::तुलसी विवाह::::: तुलसी विवाह से सं‍बंधित महत्वपूर्ण बातें जानिए देवउठनी एकादशी पर होता है तुलसी विवाह ! सनातन धर्म में धार्मिक कार्यों का आधार धर्मशास्त्र एवं ज्योतिष की कालगणना दोनों ही हैं। शास्त्रों में कहा है देवताओं का दिन मानव के छह महीने के बराबर होता है और रात्रि छह माह की। इसी आधार पर जब वर्षाकाल प्रारंभ होता है तो देवशयनी एकादशी को देवताओं की रात्रि प्रारंभ होकर शुक्ल एकादशी अर्थात्‌ देवउठनी एकादशी तक छह माह तक रहती है। इसीलिए छह मास तुलसी की पूजा से ही देवपूजा का...
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किस प्रकार के कर्म करने से जीव जन्तुओं के शरीर प्राप्त होता है ? ताम्सिक और राजसिक कर्मों के फलरूप जानवर शरीर आत्मा को मिलता है । जितना तामसिक कर्म अधिक किए होंगे उतनी ही नीच योनी उस आत्मा को प्राप्त होती चली जाती है । जैसे लड़ाई स्वाभाव वाले , माँस खाने वाले को कुत्ता, गीदड़, सिंह, सियार आदि का शरीर मिल सकता है , और घोर तामस्कि कर्म किए हुए को साँप, नेवला, बिच्छू, कीड़ा, काकरोच, छिपकली आदि । तो ऐसे ही कर्मों से नीच शरीर मिलते हैं...
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सौर तूफ़ान और समाज की उग्रता सौर तूफ़ान का मतलब है सूर्य की ओर से बहुत बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलना जिससे अणु, आयन, इलेक्ट्रॉन के बादल अंतरिक्ष में छूटते हैं और कुछ ही घंटे में पृथ्वी की विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र में टकरा सकते हैं. इस पत्रिका में छपे लेख में संभावना जताई गई है कि जब सूर्य की गतिविधियों में कमी आएगी तब उससे ये ख़तरनाक विकिरण धरती तक पहुंचेगा. इस टीम का कहना है कि सूर्य अभी 'ग्रैंड सोलर मैक्सिमम' के चरम पर है, यानी ये एक ऐसा...
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क्या पुनर्जन्म वैज्ञानिक रूप से मान्य है ?????? क्या पुनर्जन्म वैज्ञानिक रूप से मान्य है ?????? मृत्यु केवल स्थूल शरीर की होती है, पर सूक्ष्म शरीर आत्मा के साथ वैसे ही आगे चलता है , तो हर जन्म के कर्मों के संस्कार उस बुद्धि में समाहित होते रहते हैं । और कभी किसी जन्म में वो कर्म अपनी वैसी ही परिस्थिती पाने के बाद जाग्रत हो जाते हैं । इसे उदहारण से समझें :- एक बार एक छोटा सा ६ वर्ष का बालक था, यह घटना हरियाणा के सिरसा एक...
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रंगों का उपयोग करने से भी वास्तुदोष निदान संभव ?????????? प्रश्न: क्या विभिन्न प्रकार के रंगों का उपयोग करने से भी वास्तुदोष दूर होते है? बिलकुल नहीं! पिछले कुछ वर्षों से कई वास्तुविद् विभिन्न दिशाओं के दोषों को दूर करने के लिए ज्योतिष के आधार पर दिशाओं के स्वामी के प्रतिनिधित्व रंग के अनुसार लाल, पीले, हरे, इत्यादि रंगों का उपयोग करने की सलाह देते है। जैसे दक्षिण दिशा में भूमिगत पानी की टंकी है तो इस दोष को दूर करने के लिए टंकी के ऊपर लाल रंग करवाते है।...
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सुरगुजा की न्यारी छटा प्राचीन काल में सरगुजा दण्डकारण्य क्षेत्र के अंतर्गत माना जाता था। त्रेतायुग में भगवान श्रीराम दण्डकारण्य में इसी क्षेत्र से प्रवेश किये थे। इसीलिए इस क्षेत्र का पौराणिक महत्व हैं। सरगुजा प्रकृति की अनुपम देन हैं। प्राकृतिक सौन्दर्यता के कारण यह ऋषि-मुनियों की तपोस्थली के रूप में विख्यात रहा हैं। इस क्षेत्र में अनेक संस्कृति का अभ्यूदय हुआ। उनके पुरातात्विक धरोहर आज भी इनकी स्मृति में विद्यमान हैं। जैसे रामगढ़, लक्ष्मणगढ़, कुदरगढ़,देवगढ़, महेशपुर, सतमहला, जनकपुर, डीपाडीह, मैनपाट, जोकापाट, सीताबेंगरा-जोगीमारा (प्राचीन नाट्यशाला) तथा यहाँ के अनेक जलप्रपात...
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