जब गुरू तीसरे भाव में हो
गुरू तीसरे भाव में गुरू तीसरे भाव में हो तो लाभकारी स्थिति होती है। पुखराज धारण करने से पत्नी सुख मिलता है,व्यक्ति भाग्यवान होता है।तथा धन लाभ रहता है। अगर गुरू अपनी नीच राशि मकर में हो तो पुखराज धारण करने से लाभ न होगा। 1.मेष लग्न - गुरू नवमेश-द्वादशेश...