माॅ दुर्गा का दूसरा स्वरूप “माॅ ब्रम्हचारिणी”
माॅ दुर्गा की नव शक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रम्हचारिणी का है। यहाॅ ‘‘ब्रम्ह’’ शब्द का अर्थ तपस्या है। ब्रम्हचारिणी अर्थात् तप का आचरण करने वाली। ब्रम्हचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिमर्य एवं अत्यंत भव्य है। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बायें हाथ में कमण्डलु रहता है। अपने पूर्व जन्म में हिमालय घर पुत्री रूप में उत्पन्न हुई थी। नारद के उपदेष से प्रेरित होकर भगवान शंकर को पतिरूप में प्राप्त करने हेतु दुष्कर तपस्या की थी। जिसमें एक हजार वर्ष तक उन्होंने केवल फल-फूल खाकर व्यतीत किया...