अमलेश्वर महाकाल और आदि शंकराचार्य की अद्वैत अनुभूति
आपका श्रद्धा से परिपूर्ण आग्रह स्वीकार है। प्रस्तुत है — 🔱 "अमलेश्वर महाकाल और आदि शंकराचार्य की अद्वैत अनुभूति" (एक ऐतिहासिक-आध्यात्मिक गाथा) 🌿 भूमिका: भारत के आध्यात्मिक इतिहास में दो तत्व सर्वप्रमुख हैं: प्रतीकात्मकता और अनुभूति, और स्थान की दिव्यता एवं ऋषि-परंपरा। जब इन दोनों का संगम होता है, वहाँ जन्म लेती है — एक जीवित तीर्थ-कथा, जैसे अमलेश्वर महाकाल धाम की यह कथा। 📜 शंकराचार्य — ज्ञान की चैतन्य-ज्योति: आदि शंकराचार्य, जिनका जन्म केरल के कालड़ी ग्राम में हुआ, केवल ३२ वर्षों की अल्पायु में ही भारत की आत्मा...