मृत्यु का भय, रोग, संकट, ग्रह प्रभाव, तंत्र प्रहार, एकमात्र समाधान
॥ श्री महामृत्युंजय स्तोत्रम् पुरश्चरण साधना विधि ॥ (श्रीमार्कण्डेय ऋषि रचित, अमोघ स्तोत्र) महामृत्युंजय स्तोत्र मृत्यु भय, रोग, संकट, ग्रहबाधा, तंत्र-आक्रमण, दीर्घायु व परम शिव कृपा हेतु अत्यंत प्रभावकारी है। यह महामृत्युंजय मंत्र की ही स्तुतिपरक स्तोत्र-रूप व्याख्या है। 🔱 1. पुरश्चरण क्या है? पुरश्चरण का अर्थ है — किसी मंत्र या स्तोत्र का एकाग्र भाव, नियम, जप संख्या, पूजन, हवन, तर्पण, मार्जन व ब्राह्मण भोजन सहित पूर्ण अनुष्ठान। 👉 साधक को स्तोत्र की पूर्ण फलप्राप्ति व शिवकृपा हेतु यह श्रेष्ठ उपाय है। 📜 2. महामृत्युंजय स्तोत्र का परिचय:...